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भक्तामर स्तोत्र के रचियता श्री मानतुंगाचार्य जी की वेशभूषा धारण कर श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, बिबवेवाडी, पुणे ने बनाया विश्व कीर्तिमान, गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज


जैन धर्म अपने अनुयायियों को सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह एवं ब्रम्हचर्य के मार्ग पर चलने हेतु प्रेरित करता हैं, यह जैन धर्म के मूल सिद्धांत भी कहलाते हैं। जैन धर्म के अनुयायी अहिंसा एवं धर्म के प्रति विशेष रूप से समर्पित होते हैं। जैन धर्म में संतों एवं मुनियों का विशेष स्थान होता हैं। अनुयायी मुनियों को आचार्य एवं गुरु के रूप में पूजतें हैं और उन्हें अपना आदर्श मानतें हैं। जैन मुनि सांसारिक बंधनों को त्याग कर अपने जीवन में अहिंसा, तप और ध्यान के माध्यम से अध्यात्मिक उन्नति की दिशा में अपने जीवन को समर्पित कर देते हैं। अध्यात्म के इस मार्ग पर चलते हुए जैन मुनि अपने अनुयायिओं एवं शिष्यों को धार्मिक शिक्षा एवं उचित मार्गदर्शन प्रदान करते है।

दिनांक 7 अक्टूबर 2023, को बिबवेवाडी, पुणे के श्रीमान रसिकलाल एम. धारीवाल स्थानक भवन में आयोजित कार्यक्रम में सर्वाधिक बच्चों द्वारा जैन संत मानतुंग आचार्य जी की वेशभूषा धारण की गयी एवं उनके द्वारा रचित भक्तामर स्तोत्र का जाप भी किया गया। यह कार्यक्रम अनुष्ठान आराधिका श्री कुमुदलता जी महाराज सा (Anushthan Aradhika Shri Kumudlata Ji Maharajsa) साध्वी श्री महाप्रज्ञा जी महाराज सा (Sadhvi Shri Mahapragya Ji Maharajsa) साध्वी श्री पद्मकीर्ती जी महाराजसा (Sadhvi Shri Padmakirti Ji Maharajsa) एवं साध्वी श्री राजकीर्ती जी महाराज सा (Sadhvi Shri Rajkirti Ji Maharajsa) के सानिध्य में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, बिबवेवाडी, पुणे (Shri Vardhaman Sthanakavasi Jain Shravak Sangh, Bibwewadi, Pune) द्वारा आयोजित किया गया था। सर्वाधिक संख्या में लोगों द्वारा जैन संत मानतुंग आचार्य जी की वेशभूषा धारण किये जाने के लिए इस आयोजन को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) द्वारा "Most People Dressed as Muni Manatunga Acharya" शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड का आधिकारिक प्रोविजनल सर्टिफिकेट कार्यक्रम में उपस्तिथ गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के एशिया हेड, डॉ. मनीष विश्नोई जी (Dr. Manish Vishnoei, Asia Head, GBWR) द्वारा प्रदान किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड की घोषणा के साथ ही कार्यक्रम स्थल "हर्ष-हर्ष, जय-जय" के उद्घोष से गूंज उठा। 

वर्ल्ड रिकॉर्ड की घोषणा करते हुए डॉ. मनीष विश्नोई जी ने जैन संत मानतुंग आचार्य जी कि वेशभूषा धारण किये हुए सभी बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि "आप सभी बहुत भाग्यशाली हैं जिन्हें संत मानतुंग आचार्य जी की वेशभूषा धारण करने का यह स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुआ"। साध्वी श्री पद्मकीर्ती जी महाराजसा ने बताया कि 1200 बच्चों ने मानतुंगाचार्य जी की वेशभूषा धारण करने लिए चोरलट्टा, मुपत्ती, पचेवडी, श्रावक की पूंजनी, सांखली एवं विग का उपयोग किया जो संघ के द्वारा प्रदान की गयी, इन्हें धारण करने के बाद सभी बच्चों ने मानतुंगाचार्य जी बनकर समायिक करते हुए बेड़िया तोड़ते हुए भक्तामर स्तोत्र के कुछ श्लोकों का पाठ किया। आयोजन एवं आराधन के लाभार्थी श्री रमणलालजी कपूरचंदजी लुंकड, राजेंद्र रविन्द्रजी लुंकड एवं समस्त परिवारजनों द्वारा वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने पर हर्ष व्यक्त किया गया।

फोटो एवं मीडिया गैलेरी -

Video Courtesy: Talent Unlimited




 

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