Skip to main content

75 लाख रुपए के नोटों से की गई भगवान श्री स्वामी नारायण जी के झूले की अद्भुत सजावट, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

जगतगुरु भगवान श्री कृष्ण जी का जन्मोत्सव् प्रतिवर्ष जन्माष्टमी के दिन मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण जी ने इस कलयुग मे अपने भक्तों के मार्गदर्शन हेतु भगवान स्वामीनारायण जी के रूप मे अंशावतार लिया एवं पुनः सनातन धर्म की एकांतिक पंथ के साथ स्थापना की। आपने आजीवन धर्म का प्रचार एवं प्रसार किया एवं अक्षरधाम लौटने से पूर्व वड़ताल एवं अहमदाबाद मंदिरों  के आधार पर लक्ष्मिनारायण देवगद्दी (वड़ताल गादी) एवं नर नारायण देवगद्दी (अहमदाबाद गादी) की स्थापना की।


जिस प्रकार द्वापर युग में माँ देवकी एवं वासुदेव जी के आठवे पुत्र के रूप मे श्री कृष्ण जी का जन्म अष्टमी को दुनिया को अधर्म और पाप से बचाने लिए हुआ उसी प्रकार स्वामीनारायण संप्रदाय के श्री लक्ष्मीनारायण देवगादी के गद्दिपति एवं भगवान श्री स्वामी नारायण के आठवे वंशज परमपूज्य धर्म धुरंदर 1008 श्री आचार्य श्री अजेन्द्रप्रसादजी महाराज श्री (Param Pujya Dharm Dhurandhar 1008 Shree Acharya Shree Ajendraprasadji Maharaj Shree) का प्रकटोत्सव भी जन्माष्टमी के दिन ही मनाया जाता है। महाराज श्री के 75वे वर्ष मंगलप्रवेश रूपी अमृत महोत्सव के अवसर पर पंचमहल जिले के गोधरा शहर में वृत्तालय विहारम श्री स्वामीनारायण मंदिर में 75 लाख रुपये की कीमत के नोटों से हिंडोले (झूले) का निर्माण किया गया।


हिण्डोला महोत्सव के दौरान बने इस यूनिक झूले को सजाने में 10, 20, 50, 100, 200, 500 रुपये के भारतीय करेंसी नोटों के अलावा अमेरिका सहित 5 देशों की मुद्रा का इस्तेमाल  किया गया। 75 लाख रूपए की कीमत के नोटों से निर्मित यह कलात्मक हिंडोला श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बना रहा। घंटो की कड़ी मेहनत के बाद नोटों से यह हिंडोला तैयार किया गया और गोधरा के स्वामीनारायण मंदिर में हिंडोला उत्सव मनाया गया। इस हिंडोले का निर्माण परम पूज्य 108 श्री भावी आचार्य श्री लालजी महाराज नृगेंद्रप्रसादजी महाराज श्री (Param Pujya 108 Shree Bhavi Acharya Shree Lalji Maharaj Nrigendra Prasadji Maharaj Shree) के मार्गदर्शन में लक्ष्मीनारायणदेव युवक मंडल, गोधरा (Lakshminarayandev Yuvak Mandal, Godhra) के द्वारा किया गया। हिंडोले के इस अद्भूत श्रृंगार को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) द्वारा "Most Extortionately Decorated Swing" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। जिसका सर्टिफिकेट गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्नोई जी (Dr. Manish Vishnoei) एवं नेशनल हेड श्री अलोक कुमार जी (Mr. Alok Kumar) के कर कमलो से महाराज श्री को आचार्य श्री के 75वे प्रकटोत्सव कार्यक्रम के दौरान प्रदान किया गया।


गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स की टीम द्वारा श्री पुष्पेन्द्र प्रसाद जी महाराज, लाली राजा श्री डॉ. उर्वशी मिश्रा जी, राजनन्दनी जी, यज्ञेंद्र प्रसाद जी, दिग्विजेंद्र प्रसाद जी एवं स्वामीनारायण संस्थान वड़ताल गद्दी से सम्बद्ध संतो की उपस्थिति में विश्व रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। गोपाल भाई, मोहित भाई,  नितिन भाई, प्रतीक भाई, प्रफुल्ल भाई, हेमंत भाई, सिद्धांत, सत्यव्रत, वरुण सहित सभी भक्तों ने भगवान श्री कृष्ण जी के जन्मोत्सव एवं महाराज श्री के 75वे प्रकोटोसव के उपलक्ष्य में सबसे अधिक कीमत की प्रचलित मुद्रा से बने झूले का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में स्वर्णक्षारों मे अंकित होने पर हर्ष व्यक्त किया।

मीडिया कवरेज़ - 

Video courtesy: Aaj Tak News





फोटो एवं वीडियो - 










Comments

Popular posts from this blog

सर्वाधिक योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन (Akhil Bharatvarshiya Maheshwari Mahila Sangathan) देश में महिलाओं के सर्वांगीण विकास एवं उत्थान के उद्देश्य से निरंतर कार्यरत हैं। संगठन द्वारा राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर महिलाओं में नेतृत्व की शैली को विकसित करने हेतु  लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम, आत्मविश्वास एवं रचनात्मकता के विकास हेतु पर्सनालिटी डेवलपमेंट कार्यशाला जैसे अन्य कई प्रशिक्षण शिविरों का समय-समय आयोजन किया जाता हैं। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा महिलाओं के अलावा बच्चों के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास हेतु निरंतर कार्य किया जाता रहता हैं। संगठन द्वारा समय-समय पर सामाजिक के साथ धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं।  "फिट इंडिया ही हिट इंडिया  है " की विचारधारा रखते हुए अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की संस्कार सिद्ध समिति (Sanskar Siddha Samiti) द्वारा एवं गीता परिवार (Geeta Parivar) के सानिध्य में योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। विश्व योग दिवस दिनांक 21 जून 2023 से स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 तक अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की राष्ट्रीय अध्

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ योगाचार्य आशीष शर्मा का नाम

वर्तमान समय में हम सभी योग एवं उससे होने वाले लाभो से भली भांति परिचित हैं। आज के समय में अनेक क्षेत्रों में योग का बहुत महत्व है। योग सही तरह से जीवन जीने का विज्ञान है और इसलिए इसे दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए। यह हमारे जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक, आदि सभी पहलुओं पर काम करता है। योग शब्द की जड़ है संस्कृत शब्द "युज" जिसका मतलब है जुड़ना। आध्यात्मिक स्तर पर इस जुड़ने का अर्थ है सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक होना। व्यावहारिक स्तर पर, योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। योग साधना का शारीरिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका है। योग से अंगो की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है तथा शरीर स्वस्थ व निरोगी बनता है। योग के द्वारा शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी प्राप्त किया जा सकता है। योगाभ्यास द्वारा मन की चंचलता को कम कर मानसिक एकाग्रता प्राप्त की जा सकती है। मेरठ, उत्तरप्रदेश के रहने वाले श्री आशीष शर्मा जी (Mr. Ashish Sharma) का जन्म 28 जून 1992 को श्री कुलवंत किशोर शर्मा जी एवं श्रीमती सुषम

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ दिव्यांग बच्चों के लिए आयोजित पांच दिवसीय स्किल डेवलपमेंट शिविर

मूक-बधिर बच्चें ऐसे बच्चें होते हैं जो जन्म से या किसी दुर्घटनावश बोलने और सुनने की क्षमता से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में मूक-बधिर बच्चों का विकास एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय है। इन बच्चों के लिए शिक्षा एवं सामाजिक समर्थन की बहुत अधिक आवश्यकता होती हैं। उन्हें विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है जो उन्हें विकसित करें, आर्थिक रूप से अपने पैरों पर खड़े होने में मदद कर सकें और परिवार के साथ मिलकर उन्हें समाज में सम्मिलित होने में मदद करें। इन बच्चों का शिक्षण-प्रशिक्षण एवं विकास, समर्थन और स्नेहभरे वातावरण में होना चाहिए ताकि वे भी सफलता प्राप्त कर सकें।  गुवहाटी, असम में दिनांक 28 सितम्बर से 02 अक्टूबर 2023 तक मूक-बधिर बच्चों के कौशल विकास हेतु राष्ट्रीय स्तर पर पांच दिवसीय स्किल डेवलपमेंट शिविर का आयोजन किया गया। यह आयोजन  तुलसी ग्रैंड, गरल धारापुर में  महावीर इंटरकॉन्टिनेंटल सर्विस आर्गेनाइजेशन (Mahaveer Intercontinental Service Organization), अनाम प्रेम (Anam Prem), मुंबई एवं आचार्य तुलसी महाश्रमण रिसर्च फाउंडेशन (Acharya Tulsi Mahashraman Research Foundation) द्वारा संयुक्त रूप से