एक राष्ट्र के विकास का मापदंड उसके सड़कों की स्थिति से निर्धारित किया जा सकता है। सड़कों का महत्व देश के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। एक अच्छी सड़क नेटवर्क द्वारा, लोगों को आसानी से अपने लक्ष्यों तक पहुंचने में सहायता मिलती है और उनके जीवन को सुगम बनाने में सहयोग मिलता है। एक अच्छे सड़क संचार नेटवर्क द्वारा व्यापार, वित्तीय और औद्योगिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाया जा सकता है। लोग सामान और सेवाओं को आसानी से पहुंच सकते हैं, जो व्यापार को बढ़ाने और आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने में मदद करता है। अच्छे सड़कों के माध्यम से उद्योगों को भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक साथ काम करने की सुविधा मिलती है, जिससे नए रोजगार के अवसर और आय का स्रोत बढ़ता है।
सड़कों का निर्माण और विकास एक देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण अंग है। भारत सरकार ने इस क्षेत्र में उदारता और सक्रियता के साथ कई उत्कृष्ट कार्य किए हैं। सड़क निर्माण कार्यों के माध्यम से देश की सुविधा, सुरक्षा और विकास को बढ़ावा मिला है। उत्कृष्ट कार्यों की इसी कड़ी में एक और उपलब्धि गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य के दौरान जुड़ गई जहाँ क्यूब हाईवे ट्रस्ट (Cube Highways Trust) ने और एल एंड टी कंस्ट्रक्शन (L&T Construction) एवं गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे प्राइवेट लिमिटेड (Ghaziabad Aligarh Expressway Pvt. Ltd.) के माध्यम से 100 घंटो में 112.5 किलोमीटर सड़क का निर्माण कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया।भारत के उत्तरप्रदेश में नेशनल हाईवे 34 के खंड गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे पर दिनांक 15 मई (सुबह 10:00 बजे) - 19 मई 2023 (दोपहर 02:00 बजे) के दौरान सौ घंटे में एक सौ बारह दशमलव पांच (112.5) लेन किलोमीटर बिटुमिनस कंक्रीट सड़क का निर्माण किया गया। इस उपलब्धि के लिए गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे प्राइवेट लिमिटेड (क्यूब हाईवे ट्रस्ट) और एल एंड टी कंस्ट्रक्शन द्वारा गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे प्राइवेट लिमिटेड का नाम संयुक्त रूप से "Longest Length of Flexible Pavement Laid for Road Construction in Hundred Hours" शीर्षक के साथ गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्डस (Golden Book of World Records) द्वारा एक वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया जिसका सर्टिफिकेट एक कार्यक्रम के दौरान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्नोई जी (Dr. Manish Vishnoei, Asia Head, GBWR) एवं इंडिया हेड श्री अलोक कुमार जी (Mr. Alok Kumar, India Head, GBWR) द्वारा प्रदान किया गया। इसी निर्माण कार्य के दौरान सौ घंटे में सड़क निर्माण के लिए इक्यावन हजार आठ सौ छियानवे (51896) मेट्रिक टन बिटुमिनस कंक्रीट बिछाई गई इतने कम समय में इतनी अधिक मात्र में बिटुमिनस कंक्रीट बिछाने के लिए कंस्ट्रक्शन कंपनियों को "Highest Quantity of Bituminous Concrete Laid for Road Construction in Hundred Hours" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट कार्यक्रम के दौरान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्डस के अधिकारियो द्वारा दिया गया। यह उपलब्धि पूरे देश में चर्चा का विषय बनी। वहीं, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी जी (Mr. Nitin Gadkari) ने भी इस उपलब्धि पर अपनी विशेष प्रतिक्रया दी, इस उपलब्धि पर आयोजित कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग-34 का 118 किलोमीटर लंबा गाजियाबाद-अलीगढ़ खंड दोनों शहरों के बीच परिवहन संपर्क के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. उन्होंने आगे कहा कि यह परियोजना उत्तर प्रदेश के विभिन्न कस्बों और शहरों से गुजरती है. इनमें दादरी, गौतम बुद्ध नगर, सिकंदराबाद, बुलंदशहर और खुर्जा शामिल हैं।सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी जी ने बाद में उपलब्धि साझा करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। उन्होंने लिखा, "पूरे देश के लिए गर्व का क्षण! "गाजियाबाद -अलीगढ़ एक्सप्रेसवे ने एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करके इतिहास रच दिया है: 100 घंटे के अभूतपूर्व समय में 100 लेन किलोमीटर की दूरी पर बिटुमिनस कंक्रीट बिछाना। यह उपलब्धि भारत के सड़क अवसंरचना उद्योग के समर्पण और सरलता को उजागर करती है। मैं क्यूब हाईवे, एल एंड टी, और गाजियाबाद अलीगढ़ एक्सप्रेसवे प्राइवेट लिमिटेड (जीएईपीएल) की असाधारण टीमों को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं।"
NH-34 का गाजियाबाद-अलीगढ़ खंड, जो 118 किलोमीटर में फैला है, गाजियाबाद और अलीगढ़ के घनी आबादी वाले क्षेत्रों के बीच परिवहन लिंक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह परियोजना दादरी, गौतम बौद्ध नगर, सिकंदराबाद, बुलंदशहर और खुर्जा सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न कस्बों और शहरों से होकर गुजरती है। यह एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग के रूप में कार्य करता है, माल की आवाजाही को सुविधाजनक बनाता है और औद्योगिक क्षेत्रों, कृषि क्षेत्रों और शैक्षणिक संस्थानों को जोड़कर क्षेत्रीय आर्थिक विकास में योगदान देता है।"
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