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सूर्य नमस्कार एवं उससे जुड़े कुछ विश्व कीर्तिमान

योग भारत की देन है. ये अलग बात है कि भारत का ही होने के बाद भी इसे तब जाकर महत्व मिला, जब विदेशों में इसके चर्चे शुरू हुए। माननीय प्रधानमंत्री ने योग को बढ़ावा देने के लिए विश्व योग दिवस का आयोजन किया और फिर देखते ही देखते योग ने एक बार फिर भारत में अपनी जगह बना ली। योग में कई आसान किये जाते हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग में कई आसान करवाए जाते हैं, उसी में से एक है सूर्य नमस्कार। सूर्य नमस्कार, जिसे अंग्रेजी में "Sun Salutation" कहा जाता है, योग का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और लोकप्रिय आसन श्रृंखला है। यह 12 शारीरिक मुद्राओं (आसनों) का एक क्रम है। सूर्य नमस्कार में विभिन्न आसनों का संयोजन होता है, जो शरीर के विभिन्न भागों को सक्रिय करता है। यह मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है, लचीलापन बढ़ाता है, और शरीर की समग्र शक्ति में सुधार करता है। इसका अभ्यास न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति भी प्रदान करता है। इसका नियमित अभ्यास व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। योग की इस प्राचीन विधि का महत्व आज के जीवन में भी उतना ही प्रासंगि

पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के नाम दर्ज हैं कई वर्ल्ड रेकॉर्ड्स

योग और स्वास्थ्य मानव जीवन के दो महत्वपूर्ण आधारभूत स्तंभ हैं, और इसे समझने और अपनाने के लिए हमें सही मार्गदर्शन और संसाधनों की आवश्यकता होती है। भारतीय संस्कृति में योग और आयुर्वेद की महत्वपूर्ण भूमिका है, और पतंजलि योगपीठ इसी परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसकी स्थापना योगगुरु स्वामी रामदेव जी (Swami Ramdev)और आचार्य  बालकृष्ण जी (Acharya Balkrishna) ने की थी। यह संगठन योग के माध्यम से मानव जीवन को स्वस्थ, सुखी और शांतिपूर्ण बनाने का प्रयास कर रहा है।पतंजलि योगपीठ अपनी कई विशेषताओं के लिए जाना जाता है। यह संस्थान पतंजलि योगपीठ के नाम से विख्यात हुआ है, जो पतंजलि महर्षि को समर्पित है। महर्षि पतंजलि ने योग के विभिन्न पहलुओं को समेटे हुए एक आधारभूत प्रणाली को विकसित किया, जिसे "पतंजलि योगसूत्र" के रूप में जाना जाता है। पतंजलि योगपीठ इस योग सूत्र की शिक्षा और अभ्यास पर आधारित है, जिससे यह संस्थान योग के क्षेत्र में एक प्रमुख संस्था बन गया है।पतंजलि योगपीठ के आयुर्वेदिक अस्पताल में विभिन्न रोगों का उपचार किया जाता है और इसमें प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियाँ अपनाई जाती हैं। यहां

आचार्य बालकृष्ण का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

भारतीय संस्कृति में योग का महत्वपूर्ण स्थान है। योग मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और एक सुखी, स्वस्थ और उत्कृष्ट जीवन की प्राप्ति में मदद करता है। आचार्य बालकृष्ण एक ऐसे महान व्यक्ति हैं जिन्होंने योग को दुनिया भर में प्रमुखता प्रदान की है। उनकी साधना और प्रयासों के कारण उन्होंने आयुर्वेदिक दवाओं और स्वास्थ्य संबंधी उत्पादों के क्षेत्र में भी विश्वविद्यालय को गर्व के साथ अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाई है। आचार्य बालकृष्ण का जन्म 4 अगस्त, 1972 में उत्तराखंड के उदयपुर जिले में हुआ। उन्होंने बाबा रामदेव के साथ मिलकर पतंजलि योगपीठ की स्थापना की और साथ ही योग और आयुर्वेद पर गहन अध्ययन किया। आचार्य बालकृष्ण ने आयुर्वेद, योग, जीवन-शैली और प्राकृतिक उपचार के क्षेत्र में अपनी पूरी जीवन को समर्पित कर दिया है। आचार्य बालकृष्ण ने अपने अनुभवों, अध्ययन और विज्ञान पर आधारित विशेषज्ञता के साथ आयुर्वेद के क्षेत्र में विश्वस्तरीय पहचान बनाई है। उनके प्रमुख योगदानों में पतंजली आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय (Patanjali University) की स्थापना और विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियों के विज्ञानिक तथ