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देशभर में श्री लक्ष्मीनारायण देव महिला मंडल ने सर्वाइकल कैंसर से रोकथाम के लिए टीकाकरण शिविरों का आयोजन कर रचा विश्व कीर्तिमान

सर्वाइकल कैंसर आमतौर पर 15 से 44 वर्ष के आयु वर्ग की महिलाओं में दूसरा सर्वाधिक संख्या में पाया जाने वाला कैंसर है। सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा में कोशिकाओं का कैंसर है। अधिकांश सर्वाइकल कैंसर एचपीवी वायरस (ह्यूमन पेपिलोमावायरस) के कारण होते हैं, जो एक यौन संचारित संक्रमण है। एचपीवी के 100 से अधिक प्रकार हैं और उनमें से लगभग एक दर्जन को कैंसर का कारण माना गया है। सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती चरणों में आमतौर पर लक्षण शामिल नहीं होते हैं और इसका पता लगाना मुश्किल होता है। सर्वाइकल कैंसर के पहले लक्षण विकसित होने में कई साल लग सकते हैं। सर्वाइकल कैंसर की जांच के दौरान असामान्य कोशिकाओं का पता लगाना सर्वाइकल कैंसर से बचने का सबसे अच्छा तरीका है। इस प्रकार के एचपीवी का शीघ्र पता लगाना सर्वाइकल कैंसर को रोकने में महत्वपूर्ण है। सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए उपयोग किए जाने वाले परीक्षण पैप परीक्षण और एचपीवी परीक्षण हैं। ये सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग अनियमित या समस्याग्रस्त कोशिकाओं को उनके शुरुआती रूप में ढूंढ सकती हैं, इससे पहले कि उनके कैंसर में बदलने का मौका मिले। 1991 में नेशनल सर्वाइकल स्क्रीनिंग प्रोग्राम शुरू होने और 2007 में राष्ट्रीय ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन कार्यक्रम शुरू होने के बाद से सर्वाइकल कैंसर की घटनाओं में काफी कमी आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह टीका सर्वाइकल कैंसर को रोकने में सफल रहेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बच्चियों को कम उम्र में ही यह टीका दे दिया जाए तो वह ऐसे संक्रमण से सुरक्षित हो जाएंगी। इसका फायदा ये होगा कि उन्हें 30 वर्ष के बाद सर्वाइकल कैंसर नहीं होगा। 

श्री स्वामीनारायण संप्रदाय श्री लक्ष्मीनारायण देव गादी, वडताल की महिला शाखा श्री लक्ष्मीनारायण देव महिला मंडल (Shri Laxminarayan Dev Mahila Mandal) द्वारा देश की माताओं और बहनों को सर्वाइकल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से सुरक्षित करने के लिए "Cervical Cancer Eradication Campaign" नामक अभियान शुरू किया गया। इस विशेष अभियान के दौरान सर्वाइकल कैंसर से बचाव एवं रोकथाम के लिए टीकाकरण शिविरों का आयोजन किया गया। श्री लक्ष्मी नारायण देव पीठाधीश्वर परम पूज्यनीय 1008 आचार्य श्री अजेंद्रप्रसादजी महाराजश्री (P. P. D. D. 1008 Acharya Shree Ajendraprasadji Maharajshri) एवं परम पूज्यनीय गादीवाला मातुश्री (P. P. Gadiwala Matushree) जी के मार्गदर्शन में दिनांक 17 दिसंबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक आयोजित टीकाकरण शिविरों के दौरान हजारों की संख्या में महिलाओं का टीकाकरण कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। श्री लक्ष्मीनारायण देव महिला संगठन द्वारा आयोजित इन शिविरों को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में "Largest Cervical Cancer Vaccination Campaign" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रोविजनल सर्टिफिकेट कार्यक्रम के दौरान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के नेशनल हेड श्री आलोक कुमार जी (Mr. Alok Kumar, National Head, GBWR) द्वारा लाली राजा श्री, डॉ. उर्वशी मिश्रा जी एवं श्री लक्ष्मीनारायण देव महिला मंडल के सदस्यों को प्रदान कर सम्मानित किया।


स्वामीनारायण संप्रदाय अपने राहत कार्यों, मंदिरों, स्कूलों, नशा-विरोधी अभियानों आदि के माध्यम से नैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, पारिस्थितिक और शैक्षिक देखभाल के क्षेत्र में भी बहुत सक्रिय है। स्वामीनारायण संप्रदाय की शुरुआत वैष्णव आंदोलन से हुई थी। इस आंदोलन ने 18वीं शताब्दी की शुरुआत में हिंदू सनातन धर्म के मूल्यों पर ज़ोर दिया था। स्वामीनारायण संप्रदाय वैष्णव परंपरा का हिस्सा है। स्वामीनारायण संप्रदाय के अनुयायी अहिंसा, सेवा, और ईश्वर के प्रति समर्पण का जीवन जीते हैं।


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