Skip to main content

कांकेर पुलिस का यातायत नियम जागरूकता अभियान "से सॉरी टू फैमिली" गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

हम प्रतिदिन टेलीविजन या समाचार पत्रों में सड़क दुर्घटना या उससे सम्बंधित खबरों के देखते या पड़ते हैं। यह दुर्घटनायें गैर-जिम्मेदाराना तरीके से वाहन चलाने या यातायात के नियमों का सही ढंग से पालन न करने की वजह से होती हैं। थोड़ा सा समय बचाने के लिए लोग अपने बहुमूल्य जीवन की भी परवाह नहीं करते साथ ही, वे दूसरों की जान भी खतरे में डालने के लिए तैयार रहते हैं। यातायात के नियम सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं से बचने एवं जान-माल की सुरक्षा हेतु ही निर्माण किये गए है, जिनका पालन करना सड़क पर चल रहे प्रत्येक व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। उदाहरण के लिए गति सीमा, वाहनों की गति को नियंत्रित करके दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने के लिए निर्धारित की गई है। इसी तरह, सीट बेल्ट या हेलमेट पहनने के नियमों का उद्देश्य दुर्घटना की स्थिति में चोट को कम करना है। देश-भर में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता लाने के लिए पुलिस एवं प्रशासन द्वारा कई जागरूकता अभियान चलाये जाते हैं। यह जागरूकता अभियान जनता को यातायात नियमों के पालन एवं उनके महत्व के बारे में शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में प्रशासन द्वारा लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागृत करने हेतु एक अनूठा अभियान चलाया गया। कांकेर पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल जी (Mr. Divyang Patel, SP Kanker) के मार्गदर्शन में 34वें राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत पुलिस द्वारा लोगों को यातायात के नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए "से सॉरी टू फैमिली" (Say Sorry to Family) नाम से एक अभियान चलाया गया। 15 जनवरी 2024 से शुरू इस अभियान के अंतर्गत यातायात नियमों उल्लघन करने वाले लोगों के हाथ में अभियान के थीम की तख्ती पकड़ाकर, उनकी फ़ोटो खींचकर, वह फ़ोटो उन्ही के मोबाइल से उनके 5 परिजनों को भेजा गया। तख्ती पर लिखा था "हमने यातायात के नियमों का उल्लंघन कर अपनी और दूसरों की ज़िन्दगी के साथ खिलवाड़ किया हैं। इसलिए हम अपने परिवार से माफ़ी मंगाते हैं"। कांकेर पुलिस प्रशासन द्वारा चलाये गए इस अभियान को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में "Largest Campaign of Admonishing for Traffic Rules" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट गणतंत्र दिवस पर आयोजित समारोह के दौरान पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल जी, रिज़र्व निरीक्षक श्री गोविन्द वर्मा जी, मोहसीन खान जी एवं उनकी टीम को मुख्य अतिथि सांसद श्री मोहन मंडावी जी (Mr. Mohan Mandavi, MP Kanker ) की उपस्थिति में गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के नेशनल हेड श्री आलोक कुमार जी (Mr. Alok Kumar, National Head, GBWR) द्वारा प्रदान किया गया।

यातायात नियम जागरूकता अभियान "से सॉरी टू फैमिली" का मुख्य उद्देश्य यह था कि "लोग चालानी कार्यवाही से बचने के लिए ट्राफिक नियमों का पालन करने की बजाय स्वयं के साथ-साथ सड़क पर चल रहे प्रत्येक व्यक्ति की सुरक्षा के लिए उनका पालन करें"। इस अभियान के दौरान ट्राफिक नियमों के उल्लंघन करने वाले लोगों द्वारा भेजे गए फ़ोटोज़ के माध्यम से एक लाख से भी अधिक लोगों तक यह सन्देश पहुंचा। इस अभियान के दौरान जिले के प्रमुख सड़कों एवं चौक-चौराहों पर पुलिस की टीम तैनात रही और ट्राफिक नियमों के उल्लंघन करने वाले लोगों पर यह अनूठी कायर्वाही करने के साथ-साथ यातायात नियमों का पालन करते हुए वाहन चला रहे लोगो का फूल देकर सम्मान भी किया।

न्यूज़ एवं मीडिया कवरेज़:

Video Courtesy: India Town News






Video Courtesy: News 24


Comments

Popular posts from this blog

सर्वाधिक योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन (Akhil Bharatvarshiya Maheshwari Mahila Sangathan) देश में महिलाओं के सर्वांगीण विकास एवं उत्थान के उद्देश्य से निरंतर कार्यरत हैं। संगठन द्वारा राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर महिलाओं में नेतृत्व की शैली को विकसित करने हेतु  लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम, आत्मविश्वास एवं रचनात्मकता के विकास हेतु पर्सनालिटी डेवलपमेंट कार्यशाला जैसे अन्य कई प्रशिक्षण शिविरों का समय-समय आयोजन किया जाता हैं। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा महिलाओं के अलावा बच्चों के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास हेतु निरंतर कार्य किया जाता रहता हैं। संगठन द्वारा समय-समय पर सामाजिक के साथ धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं।  "फिट इंडिया ही हिट इंडिया  है " की विचारधारा रखते हुए अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की संस्कार सिद्ध समिति (Sanskar Siddha Samiti) द्वारा एवं गीता परिवार (Geeta Parivar) के सानिध्य में योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। विश्व योग दिवस दिनांक 21 जून 2023 से स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 तक अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की राष्ट्रीय अध्

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ योगाचार्य आशीष शर्मा का नाम

वर्तमान समय में हम सभी योग एवं उससे होने वाले लाभो से भली भांति परिचित हैं। आज के समय में अनेक क्षेत्रों में योग का बहुत महत्व है। योग सही तरह से जीवन जीने का विज्ञान है और इसलिए इसे दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए। यह हमारे जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक, आदि सभी पहलुओं पर काम करता है। योग शब्द की जड़ है संस्कृत शब्द "युज" जिसका मतलब है जुड़ना। आध्यात्मिक स्तर पर इस जुड़ने का अर्थ है सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक होना। व्यावहारिक स्तर पर, योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। योग साधना का शारीरिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका है। योग से अंगो की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है तथा शरीर स्वस्थ व निरोगी बनता है। योग के द्वारा शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी प्राप्त किया जा सकता है। योगाभ्यास द्वारा मन की चंचलता को कम कर मानसिक एकाग्रता प्राप्त की जा सकती है। मेरठ, उत्तरप्रदेश के रहने वाले श्री आशीष शर्मा जी (Mr. Ashish Sharma) का जन्म 28 जून 1992 को श्री कुलवंत किशोर शर्मा जी एवं श्रीमती सुषम

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ दिव्यांग बच्चों के लिए आयोजित पांच दिवसीय स्किल डेवलपमेंट शिविर

मूक-बधिर बच्चें ऐसे बच्चें होते हैं जो जन्म से या किसी दुर्घटनावश बोलने और सुनने की क्षमता से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में मूक-बधिर बच्चों का विकास एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय है। इन बच्चों के लिए शिक्षा एवं सामाजिक समर्थन की बहुत अधिक आवश्यकता होती हैं। उन्हें विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है जो उन्हें विकसित करें, आर्थिक रूप से अपने पैरों पर खड़े होने में मदद कर सकें और परिवार के साथ मिलकर उन्हें समाज में सम्मिलित होने में मदद करें। इन बच्चों का शिक्षण-प्रशिक्षण एवं विकास, समर्थन और स्नेहभरे वातावरण में होना चाहिए ताकि वे भी सफलता प्राप्त कर सकें।  गुवहाटी, असम में दिनांक 28 सितम्बर से 02 अक्टूबर 2023 तक मूक-बधिर बच्चों के कौशल विकास हेतु राष्ट्रीय स्तर पर पांच दिवसीय स्किल डेवलपमेंट शिविर का आयोजन किया गया। यह आयोजन  तुलसी ग्रैंड, गरल धारापुर में  महावीर इंटरकॉन्टिनेंटल सर्विस आर्गेनाइजेशन (Mahaveer Intercontinental Service Organization), अनाम प्रेम (Anam Prem), मुंबई एवं आचार्य तुलसी महाश्रमण रिसर्च फाउंडेशन (Acharya Tulsi Mahashraman Research Foundation) द्वारा संयुक्त रूप से