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दैनिक भास्कर पाली के 21वें स्थापना दिवस पर 6000 किलो हलवे का निर्माण कर रचा विश्व कीर्तिमान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में रिकॉर्ड दर्ज

राजस्थान विशेष रूप से अपने परंपरागत व्यंजनों एवं अपनी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहां के खाने का स्वाद, उसकी महक और विविधता कुछ अलग ही होती है। राजस्थान भारतीय राज्यों में एक विशेष स्थान रखता है जिसकी संस्कृति, ऐतिहासिक विरासत, और विविधता को व्यक्त करने में उसके व्यंजनों का महत्वपूर्ण योगदान है। राजस्थानी खाना भिन्न और अत्यधिक स्वादिष्ट होता है, जिसमें संस्कृति, रंग, और स्वाद का एक सुंदर संगम होता है। राजस्थानी भोजन में अलग-अलग चर्चित व्यंजनों के साथ-साथ, खाने के प्रति लोगों की उत्सुकता और उनकी आत्मिक संतोष की भावना भी देखने को मिलती है। राजस्थान का खाना व्यंजनों का अनूठा संगम है, जो स्थानीय सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है। अलग-अलग राजस्थानी शहरों में विभिन्न खाने की प्रकृतियों की विशेषता होती है, जो इसे भारतीय खाने की विविधता में एक अद्वितीय स्थान प्रदान करती है। इस राज्य के व्यंजन न केवल उसके स्थानीय निवासियों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पर्यटकों के बीच भी इसका बहुत महत्व है, जो राजस्थान की सांस्कृतिक और रसोई समृद्धि दर्शाता हैं। राजस्थान के मारवाड़ में बंदी

दैनिक भास्कर, बांसवाड़ा द्वारा नवरात्री के शुभ अवसर पर पाठकों के घर माँ त्रिपुरा सुंदरी की चुनरी पहुंचाकर रचा विश्व कीर्तिमान

नवरात्री हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस त्यौहार को पूरे भारत वर्ष में काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। नवरात्री के इन 9 दिनों में भक्तों द्वारा माता दुर्गा के 9 विभिन्न स्वरूपों की पूजा-आराधना की जाती हैं।   प्रत्येक दिन माता के एक अलग रूप को समर्पित होता है,  पहला दिन माँ शैलपुत्री को समर्पित है, दूसरा दिन  माँ   ब्रह्मचारिणी को, तीसरा दिन  माँ   चंद्रघंटा को, चौथा दिन  माँ   कुष्मांडा को, पांचवां दिन  माँ   स्कंदमाता को, छठा दिन  माँ   कात्यायनी को, सातवां दिन  माँ   कालरात्रि को, आठवां दिन  माँ   महागौरी को और नौवां एवं अंतिम दिन  माँ   सिद्धिदात्री को समर्पित रहता हैं।  दैनिक भास्कर, बांसवाड़ा द्वारा नवरात्री के इस पावन त्यौहार को अपने पाठकों के लिए विशेष और अविस्मर्णीय बना दिया गया। दैनिक भास्कर द्वारा नवरात्री के प्रथम दिवस प्रातःकाल बांसवाड़ा जिले के पाठकों के घरों में अपने समाचार पत्र के साथ पूजन हेतु कुम-कुम, चावल और माँ त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में पूजित चुनरी पहुंचाई गयी और साथ में माँ त्रिपुरा और मंदिर से जुड़े कुछ रोचक और अनसुनी जानकारी भी अपने व

दैनिक भास्कर ने माँ महामाया का प्रसाद अपने पाठकों के द्वार पहुंचाकर बनाया विश्व कीर्तिमान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में रिकॉर्ड दर्ज

बिलासपुर, छतीसगढ़ में दैनिक भास्कर ने रतनपुर स्थित माँ महामाया के सिद्ध शक्तिपीठ का प्रसाद अपने लगभग 40 हज़ार पाठकों के घर अपनी प्रति के साथ पहुंचा कर एक इतिहास रच दिया। दैनिक भास्कर बिलासपुर एडिशन (Dainik Bhaskar, Bilaspur, Chhattisgarh) के स्थापना के 30 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में दैनिक भास्कर और श्री महामाया देवी मंदिर ट्रस्ट द्वारा यह अनूठी पहल की गई। रतनपुर स्थित माँ महामाया माता के मंदिर का निर्माण रत्नदेव प्रथम के शासन काल में हुआ था, तब से लेकर आज तक यह पवित्र शक्तिपीठ बिलासपुर ही नहीं बल्कि पूरे देश भर में आस्था का केंद्र हैं। देश भर से श्रद्धालु यहाँ आकर श्री महामाया देवी का दर्शन लाभ लेकर अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करने हेतु प्रार्थना करते हैं। दैनिक भास्कर बिलासपुर और श्री महामाया देवी मंदिर ट्रस्ट द्वारा श्रद्धालुओं की इसी आस्था का सम्मान करते हुए एवं प्रसाद की पैकिंग से लेकर वितरण तक इसकी शुद्धता एवं पवित्रता का ख्याल रखते हुए दैनिक भास्कर बिलासपुर के स्थापना दिवस के विशेष अवसर पर 40 हज़ार घरो तक सिद्ध शक्तिपीठ श्री महामाया देवी मंदिर, रतनपुर (Siddha Shaktipith shri Mahama