मशहूर पार्श्वगायक एस.पी. बालासुब्रह्मण्यम (S. P. Balasubrahmanyam) को संगीतमय श्रद्धांजलि देते हुए मंगलुरु के सुप्रसिद्ध गायक यशवंत एम.जी. (Yashavanth M. G., Bangaluru) ने 24 घंटे SPB के गीत गाकर अपना नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में दर्ज कराया। यह ऐतिहासिक आयोजन 3 जून को दोपहर 3 बजे शुरू होकर 4 जून 2025 को दोपहर 3 बजे समाप्त हुआ और इसे एस.पी. बालासुब्रह्मण्यम के जन्मदिवस पर SPB को समर्पित किया।
संगीतमयी श्रद्धांजलि
इस प्रस्तुति का शीर्षक "Balagana Yoshogana" रखा गया। कार्यक्रम के दौरान GBWR के आधिकारिक नियम के अनुसार हर घंटे पांच मिनट का विराम दिया गया, ताकि यशवंत जलपान, हल्का भोजन और स्वर विश्राम कर सकें। लेकिन उनके अनुसार- “संगीत ने मुझे भोजन से कहीं अधिक ऊर्जा दी।”
SPB के 16 भाषाओं में गाये 40,000 से अधिक गीतों से कन्नड में गाए हुए गानों ने इस आयोजन को एक अनूठी यात्रा बना दिया। यशवंत ने कहा- “मैं एस.पी. बालासुब्रह्मण्यम की आवाज़ सुनकर बड़ा हुआ हूँ। उनके गीत लगातार गाने से ऐसा लगा जैसे मैंने अपनी पूरी संगीत यात्रा फिर से जी ली।”
संगत देने वाली टीम
यशवंत के साथ अनुभवी वादक जुड़े रहे- राजगोपाल (गिटार), दीपक जयरशीेलन (कीबोर्ड), वामन के. (ड्रम्स), प्रज्वल आचार्य (तबला), वर्षा बसुरुर (बांसुरी) और सुमुख आचार्य (सितार)। इन सभी की संगत ने पूरे 24 घंटे के कार्यक्रम को ऊर्जा और मधुरता से भरपूर बनाए रखा।
गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम
इस विश्व रिकॉर्ड प्रयास की निगरानी और प्रमाणीकरण के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स के एशिया हेड, डॉ. मनीष विश्नोई (Dr. Manish Vishnoei, Asia head, Golden Book of World Records) स्वयं उपस्थित रहे। उन्होंने इसे “एक अनुशासित, बेहद भावनात्मक एवम सुमधुर” रिकॉर्ड प्रयासों में से एक बताया। उन्होंने कहा "यह उपलब्धि एस.पी. बालासुब्रह्मण्यम की कन्नड विरासत को सही मायनों में सम्मानित करती है।"
यशवंत का परिचय
हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक एम.जी. यशवंत ने संगीत की शिक्षा माधव आचार्य और पंडित महाबलेश्वर भागवत से प्राप्त की। वे संस्कृत, कन्नड़, इतिहास और हिंदी में स्नातकोत्तर डिग्रियाँ रखते हैं और वर्तमान में गंगूबाई हंगल संगीत विश्वविद्यालय, मैसूर में परीक्षक के रूप में कार्यरत हैं। उनका जीवन विविध आयामों से भरा रहा है- एनसीसी आर्मी (18वीं कर्नाटक बटालियन) में सेवा, वैदिक-संस्कृत परंपराओं में गहरी जड़ें और संगीत में लगातार उपलब्धियाँ। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर कई रियलिटी शो में शीर्ष सम्मान पाया है, जैसे- ई टीवी का एडे तुम्बी हडूवेनु, सुवर्णा टीवी का कॉन्फिडेंट स्टार सिंगर और उदय टीवी का संगीत महायुद्ध। वे अब तक वे 3,000 से अधिक कार्यक्रमों में प्रस्तुति दे चुके हैं, 5,000 से अधिक विद्यार्थियों को प्रशिक्षित कर चुके हैl उन्होंने 2018 में विश्व रिकॉर्ड में शामिल हुए कार्यक्रम "वंदे मातरम्" का पूर्ण संस्करण रचकर इतिहास बनाया था I कनसु कन्नु तेरेदगा फिल्म के लिए संगीत निर्देशन किया और 2024 में ज़ी सारेगामापा के सेमीफाइनल तक पहुँचे।
एतिहासिक पल
प्रस्तुति के बाद यशवंत ने कहा “इस कार्यक्रम के दौरान न मुझे नींद आई, न ही स्वर डगमगाए। ऐसा लगा जैसे स्वयं एस.पी. बालासुब्रह्मण्यम ने मुझे यह यात्रा पूरी करने की शक्ति दी।”
इस रिकॉर्ड को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स ने औपचारिक रूप से प्रमाणित किया। दर्शकों के लिए यह आयोजन महज़ एक विश्व रिकॉर्ड नहीं बल्कि ऐसा अनुभव था मानो एस.पी. बालासुब्रह्मण्यम फिर से मंच पर लौट आए हो।
न्यूज़ एवं मीडिया कवरेज़ :-
24 घंटे एस.पी. बालासुब्रह्मण्यम के गीत गाकर यशवंत ने रचा इतिहास
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