महावीर इंटरकॉन्टिनेंटल सर्विस ऑर्गेनाइजेशन (Mahaveer Intercontinental Service Organization), नई दिल्ली एवं रायपुर के तत्वावधान में इंदौर चैप्टर द्वारा आयोजित पांच दिवसीय दृष्टिबाधित दिव्यांग स्किल डेवलेपमेंट प्रशिक्षण शिविर (25 से 29 जुलाई 2025) ने नया इतिहास रच दिया। इस शिविर में 600 दृष्टिबाधित बच्चे, 150 शिक्षक, 50 प्रशिक्षक तथा 150 कार्यकर्ताओं ने सहभागिता की, जबकि प्रतिदिन लगभग 200 अवलोकनकर्ता भी शामिल हुए I होटल एच.आर. ग्रीन, कुमेड़ी पर यह अनूठा शिविर सम्पन्न हुआ।
इस विशाल आयोजन को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Golden Book of World Records) ने “सबसे अधिक क्षेत्रों में दिव्यांगजनों को स्किल डेवलपमेंट प्रशिक्षण देने” (most skilled trades trained to visually impaired people) की उपलब्धि के लिए विश्व रिकॉर्ड में दर्ज किया।
गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के एशिया हेड, डॉ. मनीष विश्नोई ( Dr. Manish Vishnoei, Asia Head, Golden Book of World Records) ने महावीर इंटरकॉन्टिनेंटल सर्विस ऑर्गेनाइजेशन (MISO) की इंदौर इकाई को बधाई देते हुए घोषणा की कि इस शिविर को आधिकारिक रूप से विश्व रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। श्री लोकेश कावड़िया जी (Mr. Lokesh Kavadiya) के मार्गदर्शन में आयोजित यह शिविर न केवल दृष्टिबाधित बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ है, बल्कि यह संदेश भी दिया है कि हौसले और सही मार्गदर्शन से दिव्यांगजन भी समाज के अग्रणी निर्माता बन सकते हैं। MISO का यह प्रयास निश्चित रूप से आने वाले समय में दिव्यांग सशक्तिकरण की मिसाल बनेगा।
प्रशिक्षण शिविर में बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु 41 तरह के ट्रेड सिखाए गए, जिनमें प्रमुख हैं- हर्बल साबुन, फिनाइल, डिशवॉश, हैंडवॉश, फेस वॉश, शैम्पू, मसाले, आचार, कैंडल मेकिंग, गोबर से धूप कप, चॉकलेट, कपड़े व जूट से बैग बनाना, बोतल आर्ट, क्ले आर्ट, टेराकोटा, रेशीन आर्ट, ऊन व काशी घास से वस्तुएँ तैयार करना आदि।
पूर्व सांसद एवं MISO के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पुष्प जैन ने (Mr. Pushp Jain) कहा कि दृष्टिबाधित बच्चों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को समयानुकूल और नवोन्मेषी विज्ञान के साथ डिजाइन किया गया है ताकि वे स्वावलंबन के साथ समाज में स्थापित हो सकें और प्रतिस्पर्धी युग में आगे बढ़ सकें। कार्यक्रम के मार्गदर्शक एवम निशक्तजन वित्त आयोग, रायपुर के अध्यक्ष श्री लोकेश कावड़िया जी ने बच्चों को समयबद्धता और व्यापार के प्राथमिक सिद्धांतों की शिक्षा दी तथा मार्केटिंग के गुर सिखाए। डॉ. घनश्याम दास सिंघल, मध्यप्रदेश दृष्टिहीन संघ ने डिजिटल ब्रेल मशीन, टॉक-बैक और जॉस जैसी तकनीकों के प्रयोग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दिव्यांगजन अब सामान्य बच्चों से बराबरी कर सकते हैं और केवल सरकारी नौकरी तक सीमित न रहकर स्वरोजगार के क्षेत्र में भी आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि विज्ञान और विजन के फ्यूजन से दिव्यांगजन भविष्य गढ़ने में सक्षम हैं l इस अवसर पर प्रशिक्षकों ने कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और डिजिटल कौशल के लाभ भी बताए। श्री अरुण कुमार जैन जी ने बताया कि अब तक 15,000 से अधिक दिव्यांगजन और 27,000 से ज्यादा अशक्त महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाली संस्था MISO का यह 24वां शिविर था। वर्तमान शिविर में 41 प्रकार की वस्तुएँ दिव्यांगजन द्वारा तैयार की गई हैं।
विश्व रिकॉर्ड दर्ज होने पर MISO इंदौर चैप्टर के अध्यक्ष श्री हुल्लास बेताला ने सभी अतिथियों व प्रतिभागियों को बधाई दी। साथ ही श्री विपुल बेताला, श्री प्रकाश भटेवरा, श्री जिनेश्वर जैन, श्री पियूष जैन, श्री सुरेंद्र डाकलिया, श्री हंसमुख गांधी, श्री अजय जैन और जैन सोशल ग्रुप लोटस के सदस्यों ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया।
न्यूज़ एवं मीडिया कवरेज़ :-
दृष्टिबाधित बच्चों का स्किल डेवलेपमेंट शिविर विश्व रिकॉर्ड में शामिल
Skill Development Camp for Visually Impaired Children got entry in World Record
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