Skip to main content

गुड़ी पाडवा में सबसे बड़ी गुड़ी बनाकर रचा कीर्तिमान


 'गुड़ी पाडवा' (Gudi Padwa), महाराष्ट्र के मुख्य त्योहारों में से एक है। इसे महाराष्ट्र में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। गुड़ी पाडवा के दिन ही हिन्दू नवसंवत्सरारम्भ माना जाता है। चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पाडवा या वर्ष प्रतिपदा या उगादि कहा जाता है। इस दिन 'हिन्दू नववर्ष' (Hindu New Year) का आरम्भ होता है। गुड़ी का अर्थ 'विजय पताका' होता है। कहा जाता है कि मराठी राजा शालीवाहन ने मिट्टी के सैनिकों की सेना से प्रभावी शत्रुओं का पराभाव किया था। इस विजय के प्रतीक के रूप में शालीवाहन शक का आरंभ भी इसी दिन से होता है। इसे कर्नाटक और आन्ध्रप्रदेश में उगादि और महाराष्ट्र में गुड़ी पाडवा के नाम से मनाया जाता है। इसी दिन चैत्र नवरात्रि का भी आरंभ होता है।

महाराष्ट्र के नाशिक जिले में 30 मार्च 2025 को गुड़ी पाडवा के अवसर में 'दैनिक दिव्य मराठी और दीपक बिल्डर्स एवं डेवलपर्स (Dainik Divy Marathi and Deepak Builders and Developers)' द्वारा गुड़ी पाडवा की रैली का आयोजन किया गया था। जिसमें दोनों समितियों द्वारा मिलकर सबसे बड़ी गुड़ी (जो 5 फीट परिधि और 57 मीटर लंबी है) बनाई गई। सबसे बड़ी गुड़ी बनाने के कारण संयुक्त रूप से दोनों समितियों का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड (Golden Book Of World Record) में "सबसे बड़ी गुड़ी (Biggest Gudi)" के शीर्षक के साथ दर्ज किया गया। यह उपलब्धि हिन्दु नववर्ष गुड़ी पाडवा उत्सव के दौरान हासिल की गई


Other News Coverage:-


Other Links:-   

गुड़ी पाडवा में सबसे बड़ी गुड़ी बनाने का बना कीर्तिमान, दैनिक दिव्य मराठी एवं दीपक बिल्डर्स का नाम विश्व रिकॉर्ड में दर्ज

Record of making the biggest Gudi in Gudi Padwa, Dainik Divya Marathi and Deepak Builders’ name registered in world record



Comments

Popular posts from this blog

डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन घुटनों एवं जोड़ो के दर्द से परेशान मरीजों को निःशुल्क लाल तेल का सर्वाधिक वितरण का बनाया विश्व कीर्तिमान

जोड़ों का दर्द एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, आमतौर पर, जोड़ों के दर्द में घुटने का दर्द, कंधे या गर्दन का दर्द, कोहनी और कुल्हे का दर्द शामिल होता है। यह दर्द विभिन्न कारणों से हो सकता है, जैसे कि अव्यवस्थित खानपान, अधिक शारीरिक कार्य, जबकि कभी-कभी यह अन्य बीमारियों  के कारण रूमेटॉयड आर्थराइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, और गठिया जैसी बीमारियां भी जोड़ों के दर्द का कारण बन सकती हैं। सही जीवनशैली और नियमित चेकअप से यह संभावना है कि जोड़ों की समस्याओं को सही समय पर पहचाना जा सके और उचित उपचार की शुरुआत की जा सके। तेल की मालिश जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए बहुत ही अच्छा विकल्प माना जाता हैं जिसका परामर्श कई चिकित्सकों द्वारा दिया जाता हैं। राजस्थान, कोटा के रहने  वाले एवं जैन कांफ्रेंस, नई दिल्ली के राष्ट्रीय मंत्री  डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन जी (Dr. Sudhir Harbans Lal Jain) का नाम समाज में एक प्रतिष्ठित एवं सदैव जरूरत मंदों की सहायता करने वाले के रूप में लिया जाता हैं। "दुःख में सुख खोज लेना, हानि में लाभ खोज लेना एवं प्रतिकूल...

सर्वाधिक योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन (Akhil Bharatvarshiya Maheshwari Mahila Sangathan) देश में महिलाओं के सर्वांगीण विकास एवं उत्थान के उद्देश्य से निरंतर कार्यरत हैं। संगठन द्वारा राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर महिलाओं में नेतृत्व की शैली को विकसित करने हेतु  लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम, आत्मविश्वास एवं रचनात्मकता के विकास हेतु पर्सनालिटी डेवलपमेंट कार्यशाला जैसे अन्य कई प्रशिक्षण शिविरों का समय-समय आयोजन किया जाता हैं। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा महिलाओं के अलावा बच्चों के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास हेतु निरंतर कार्य किया जाता रहता हैं। संगठन द्वारा समय-समय पर सामाजिक के साथ धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं।  "फिट इंडिया ही हिट इंडिया  है " की विचारधारा रखते हुए अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की संस्कार सिद्ध समिति (Sanskar Siddha Samiti) द्वारा एवं गीता परिवार (Geeta Parivar) के सानिध्य में योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। विश्व योग दिवस दिनांक 21 जून 2023 से स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 तक अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिल...

कमल शर्मा ने चक्रासन की मुद्रा में सबसे तेज़ 100 मीटर दूरी तय करके रचा विश्व कीर्तिमान, गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

"योग" शब्द का उद्गम संस्कृत भाषा से है और इसका अर्थ "जोडना, एकत्र करना" है। योगिक व्यायामों का एक पवित्र प्रभाव होता है और यह शरीर, मन, चेतना और आत्मा को संतुलित करता है। योग के प्राथमिक लाभों में से एक शारीरिक स्वास्थ्य और लचीलेपन को बढ़ावा देने की इसकी क्षमता है। योग में अभ्यास किए जाने वाले विभिन्न आसन या मुद्राएँ मांसपेशियों को धीरे-धीरे खींचती और मजबूत करती हैं, जोड़ों के लचीलेपन में सुधार करती हैं।नियमित अभ्यास के माध्यम से, अभ्यासकर्ताओं को ऊर्जा के स्तर में वृद्धि, मुद्रा में सुधार और शारीरिक बीमारियों के जोखिम में कमी का अनुभव होता है। योग के विभिन्न मुद्राओं एवं आसनों में से एक आसन हैं चक्रासन।चक्रासन एक बेहतरीन योगासन है, जिसे अंग्रेजी में व्हील पोज (Wheel Pose) भी कहा जाता है। इसे योग में उर्ध्व धनुरासन नाम भी दिया गया है। यह शरीर के एक-एक अंग को फायदा पहुंचाता है। सबसे बड़ी बात यह आपके दिल की हर मसल्स को खोल देता है। चक्रासन योग, ऐसी मुद्रा है जिसका अभ्यास काफी कठिन माना जाता है। शारीर के लचीलेपन और मांसपेशियों को अधिक मजबूती देने के प्रशिक्षित योगाभ्या...