भारतीय चंद्र मिशन पर आधारित पहली काव्य पुस्तक 'चंद्रयान तीन विश्व कीर्तिमान ग्रंथ' का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज
पृथ्वी का चंद्रमा सौरमंडल का पाँचवाँ सबसे बड़ा चंद्रमा है और पृथ्वी से परे एकमात्र खगोलीय वस्तु है जहाँ मानव ने कदम रखा है।विश्व भर से चंद्रमा पर खोज एवं रिसर्च करने के उद्देश्य से अब-तक 107 से अधिक रोबोटिक अंतरिक्ष यान लॉन्च किए गए हैं। यह पृथ्वी से परे एकमात्र खगोलीय पिंड है जिसे अब तक मनुष्यों द्वारा सबसे अधिक खोजा और देखा गया है। चंद्रयान-1 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन 'इसरो' (ISRO) द्वारा लॉन्च किया गया भारत का पहला चंद्र मिशन था। इसके उद्देश्यों में चंद्रमा की सतह का मानचित्रण या नक्शा तैयार करना, उसकी खनिज संरचना का अध्ययन करना और जल-बर्फ की खोज करना शामिल था। इसने चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं की उपस्थिति की पुष्टि सहित महत्वपूर्ण खोजें कीं। चंद्रयान-2 इसरो का दूसरा चंद्र मिशन था जिसका उद्देश्य चंद्र अन्वेषण और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन करना था। ऑर्बिटर ने महत्वपूर्ण वैज्ञानिक आँकड़े प्रदान करते हुए, कक्षा से चंद्रमा का अध्ययन करना जारी रखा है। दुर्भाग्य से उतरने के दौरान लैंडर से संपर्क टूट गया और रोवर के मिशन का समय से पहले अंत कर देना पड़ा। इसी प्रकार चंद्रयान-3 भारत का महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशन था जिसने भारत को गौरवान्वित किया है। यह एक सफल अंतरिक्ष मिशन था जिसका उद्देश्य विक्रम लैंडर के माध्यम से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराना था। चंद्रयान 3 की सफलता ने अंतरिक्ष के इतिहास में भारत का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित कर दिया। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत पहला देश बना।
छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान, छत्तीसगढ़ द्वारा आज़ रायपुर के वृन्दावन हाल में आयोजित कार्यक्रम मे 'चंद्रयान तीन विश्व कीर्तिमान ग्रंथ' का विमोचन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। 'चंद्रयान तीन विश्व कीर्तिमान' एक विशाल काव्यमयी साझा संकलन है, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य ही नहीं वरन देश-विदेश से भी इस विषय विशेष पर अपनी रचनाओं के माध्यम से ‘चंद्रयान तीन विश्व कीर्तिमान‘ में अपनी रचनाओं के माध्यम से इस काव्य संकलन को अलंकृत किया है। इस 150 पृष्ठ के ग्रंथ को संपादिका डॉ. आशा आजाद 'कृति' जी (Dr. Asha Azad ‘Kriti’) मानिकपुर कोरबा एवं रायपुर निवासी श्रीमती उर्मिला देवी 'उर्मि' जी (Mrs. Urmila Devi ‘Urmi’) के सहयोग से तैयार किया गया है। 'चंद्रयान तीन विश्व कीर्तिमान ग्रंथ' भारतीय चंद्र मिशन पर पहली काव्य पुस्तक है, जिस कारण इसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) द्वारा "First Poetry Book on Indian Lunar Mission" शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट विमोचन एवं सम्मान समारोह कार्यक्रम के दौरान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स की प्रतिनिधि श्रीमती सोनल राजेश शर्मा जी (Mrs. Sonal Rajesh Sharma, Team GBWR) द्वारा प्रदान कर सम्मानित किया गया।
यह काव्य साझा संकलन भारत देश को समर्पित है, जिसे मूर्त रूप देने में विश्व स्तर के 123 साहित्यकारों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य ही नहीं वरन देश-विदेश से भी इस विषय विशेष पर अपनी रचनाओं के माध्यम से 'चंद्रयान तीन विश्व कीर्तिमान' काव्य संकलन को अलंकृत किया है, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य के 100 साहित्यकार एवं भारत के विभिन्न राज्यों से 21, आस्ट्रेलिया से 01 एवं अमेरिका से 01 साहित्यकार ने अपना काव्य सृजन कर विश्व कीर्तिमान में विशेष योगदान दिया है। यह विशाल काव्यमयी साझा संकलन भारत की उपलब्धि पर भिन्न-भिन्न अभिव्यक्तियों पर आधारित है। कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज की रचनाकार श्रीमती शुभा शुक्ला 'निशा' जी, श्रीमती श्रद्धा पाठक जी, श्रीमती चंद्रप्रभा दुबे जी, श्रीमती शिवा बाजपेई जी, श्रीमती ममता त्रिवेदी जी, एवं डॉ. सीमा अवस्थी 'मिनी' जी आदि महिला रचनाकारों ने भी अपनी रचना से इस काव्य संकलन को अलंकृत किया है। इनमें राजधानी की कवयित्री श्रीमती सुषमा पटेल जी भी शामिल हैं, जिन्होंने 'सपना साकार हुआ' के माध्यम से अपना योगदान दिया।
न्यूज़ एवं मीडिया कवरेज़:
https://divyamaharashtramandal.com/ विश्व स्तरीय पद्य संकलन 'चन्द्रयान-3, विश्व कीर्तिमान' का विमोचन
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