शंकराचार्य आश्रम बोरियाकला में ललिता त्रिपुर सुंदरी के समक्ष एक करोड़ ललिता सहस्त्रनाम पाठ कर रचा विश्व कीर्तिमान
सनातन धर्म में मां ललिता त्रिपुर सुंदरी को 10 महाविद्याओं में से एक माना है। माँ ललिता धन, ऐश्वर्य, भोग के साथ साथ मोक्ष की भी अधिस्ठात्री देवी हैं। इनकी साधना श्रीविद्या के नाम से जानी जाती है तथा पूजन यन्त्र श्री-चक्र या श्री-यन्त्र के नाम से प्रसिद्ध है। ललितोपाख्यान, ललिता सहस्रनाम, ललिता त्रिशति तथा ललिता अष्टोत्तरशतनामावली के पाठ के माध्यम से माता ललिता की आराधना की जाती है, जिनमे ललिता सहस्रनाम का विशेष महत्व है। ललिता सहस्रनाम, भगवान् हयग्रीव (महाविष्णु के अवतार) और अगस्त्य मुनि के बीच का संवाद है जो की माता ललिता त्रिपुर सुंदरी को समर्पित स्तोत्र है। पूरे ललिता सहस्त्रनाम को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है। प्रथम भाग में ललिता सहस्रनाम के उत्पत्ति के बारे में बताया गया है। द्वितीय भाग में माता के 1000 नाम बताये गए हैं तथा अंतिम भाग में ललिता सहस्रनाम पाठ के लाभ अर्थात फलश्रुति बताये गए हैं। पूर्ण श्रद्धा और आस्था से किया गया ललिता सहस्रनाम का पाठ मनुष्य की चेतना को शुद्ध करता है, तथा मन को व्यर्थ चिंताओं और नकारात्मक विचारों से मुक्त कर सकारात्मकता और आत्मविश्वास प्रदान करता हैं। अगर ललिता सहस्त्रनाम का पाठ ज्वर से पीड़ित व्यक्ति के मष्तक पर हाथ रखकर किया जाये तो उस मनुष्य का किसी भी प्रकार का ज्वर समाप्त हो जाता है। श्री ललिता सहस्रनाम का पाठ करने से धन की इच्छा रखने वाले मनुष्य को धन की, विद्या पाने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थी को विद्या की तथा यश की कामना करने वाले व्यक्ति को यश की प्राप्ति होती है।
छत्तीसगढ़ रायपुर के शंकराचार्य आश्रम, बोरियाकला में विराजी परांबा भगवती राजराजेश्वरी ललिता त्रिपुर सुंदरी के समक्ष एक करोड़ ललिता सहस्त्रनाम के पाठ का आयोजन किया गया। ललिता परिवार की संस्थापिका डॉ. अरुणा पेरी जी (Dr. Aruna Peri, Founder Lalitha Parivar) के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में देश-विदेश से आये 800 से अधिक महिलाओं एवं साधकों ने ललिता सहस्त्रनाम का सामूहिक पाठ किया। ललिता सहस्त्रनाम के सर्वाधिक पाठ हेतु इस कार्यक्रम को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में "Largest Lalitha Sahasranama Chanting Feat" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। वर्ल्ड रिकार्ड्स का सर्टिफिकेट गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के नेशनल हेड श्री आलोक कुमार जी द्वारा (Mr. Alok Kumar, National Head, GBWR) ललिता परिवार की संस्थापिका डॉ. अरुणा पेरी जी को प्रदान कर सम्मानित किया गया।
ललिता परिवार की संस्थापिका डॉ. अरुणा पेरी जी ने बताया कि लोक कल्याण के उद्देश्य से मध्य भारत में पहली बार एक दिवसीय एक करोड़ ललिता सहस्त्रनाम का पारायण हुआ। इसमें विदेश से भी श्रद्धालु पहुंचे। उन्होंने बताया कि यह आयोजन प्रलयंकारी विश्वघस्त्र पक्ष में होने वाले अमंगल से बचाव और विश्व एवं लोक कल्याण की कामना से किया गया। ऐसा माना जाता हैं कि द्वापर युग में जब महाभारत का युद्ध हुआ था जिसमे असंख्य जन-धन की हानि हुई थी, उस काल में भी यही पक्ष था। इस आयोजन में भारत देश के अलावा विदेश से श्रद्धालु पहुंचे थे।
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