Skip to main content

कपालभाती प्राणायाम और उससे जुड़े कुछ रोचक वर्ल्ड रिकार्ड्स

योग आपके मन और शरीर को स्वस्थ रखने का बेहतरीन विकल्प है। इसे करने से पुराने से पुराना रोग भी चुटकियों में सही हो जाता है। योग के आठ अंगों में से चौथा अंग हैं प्राणायाम। प्राणायाम योग की ही एक क्रिया हैं। प्राणायाम कई प्रकार के होते उनमे से एक हैं कपालभाती प्राणायाम (Kapalbhati Pranayam)।  "कपाल" का अर्थ है "मस्तिष्क" और "भाति" का अर्थ है "प्रकाश"। कपालभाती प्राणायाम, एक महत्वपूर्ण योगिक श्वास तकनीक है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए प्रचलित है। यह प्राणायाम योग के प्राचीन ग्रंथों में उल्लिखित है और इस प्राणायाम का नियमित अभ्यास मस्तिष्क को स्पष्टता और ऊर्जा से भर देता है, जिससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।  आसनों में सूर्य नमस्कार, प्राणायामों में कपालभाती एवं ध्यान में विपश्यना का विशेष स्थान हैं। जब आप कपालभाति प्राणायाम करते हैं तो आपके शरीर से 80% विषैले तत्त्व बाहर जाती साँस के साथ निकल जाते हैं। कपालभाति प्राणायाम के निरंतर अभ्यास से शरीर के सभी अंग विषैले तत्व से मुक्त हो जाते हैं।



कपालभाती प्राणायाम करने की इस विधा में कई विश्व कीर्तिमान स्थापित किये गए। 

  • कोटा, राजस्थान में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान अयोध्या हनुमानगढ़ी के योगगुरु स्वामी महेश योगी जी (Swami Mahesh Yogi) ने लगातार  तेईस घंटे दस मिनट तक कपालभाति प्राणायाम योग का प्रदर्शन कर वर्ल्ड रिकार्ड स्थापित किया जिसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में "Longest Performance of Kapalbhati Yoga" के शीर्षक साथ दर्ज किया गया। इस दौरान स्वामी महेश योगी जी ने कुल  चौबीस घंटे के भीतर दो लाख पच्चीस हजार छह सौ (2,25,600) बार कपालभाति प्राणायाम किया जिसे "Largest Performance of Kapalabhati Yoga" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड ले रूप में दर्ज किया गया। डॉ. जयदीप आर्या जी के कुशल नेतृत्व एवं संयोजन में यह कार्यक्रम पतंजलि योगपीठ, राजस्थान सरकार तथा रेजोनेंस एडुवेंचर्स लिमिटेड के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया एवं इस कार्यक्रम के दौरान योग के क्षेत्र में कई विश्व कीर्तिमान स्थापित हुए। 

  • युवा भारत और पतंजलि योगपीठ के के बेनर तले छत्तीसगढ़ के दुर्ग-भिलाई में एक साथ 91,323 लोगों ने योगगुरु स्वामी रामदेव जी (Swami Ramdev) एवं आचार्य बालकृष्ण जी (Acharya Balkrishna) के मार्गदर्शन में एक साथ कपालभाती प्राणायाम किया जिसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में "Most People Performing Kapalbhati Simultaneously" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन डॉ. जयदीप आर्य द्वारा किया गया।
  • महाराष्ट्र, नाशिक के रहने वाले श्री देवराजू वीरमुथु जी (Mr. Devaraju Veeramuthu) ने 68 वर्ष वर्ष की उम्र में लगातार दो घंटे पच्चीस मिनट तक कपालभाति प्राणायाम योग का प्रदर्शन कर वर्ल्ड रिकार्ड स्थापित किया जिसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में "Longest Performance of Kapalbhati Pranayam Yoga" के शीर्षक साथ दर्ज किया गया। इससे पूर्व यह कीर्तिमान राजस्थान कोटा के श्री बलदेव सिंह जी (Baldev Singh) के नाम था उन्होंने 67 वर्ष की उम्र में लगातार दो घंटे दस मिनट चालीस सेकंड तक लगातार कपालभति प्राणायाम योग कर यह कीर्तिमान स्थापित किया था।

Comments

Popular posts from this blog

इस्कॉन रायपुर ने जन्माष्टमी पर बनाया विश्व रिकॉर्ड: 10,000 किलो सामक चावल की खिचड़ी का भव्य प्रसाद बनाया

भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य जन्मोत्सव को भक्ति और भव्यता के साथ मनाते हुए, इस्कॉन रायपुर (ISKCON) ने एक अद्भुत विश्व रिकॉर्ड बनाया जन्माष्टमी के पावन अवसर पर यहाँ 10,000 किलो सामक चावल (सांवा/बरनयार्ड मिलेट) की खिचड़ी तैयार की गई, जिसने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। यह विशाल प्रसाद-निर्माण भक्ति सिद्धार्थ स्वामीजी के आध्यात्मिक मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। विश्व रिकॉर्ड की पूरी प्रक्रिया का संयोजन श्री तमाल कृष्ण दासजी ने किया, जिन्होंने बताया कि भक्ति सिद्धार्थ स्वामीजी के भाव को इतनी बड़ी मात्रा में सामक चावल की खिचड़ी तैयार कर इस्कॉन के संतों, ब्रम्हचारीयो, समिति तथा सैकड़ों स्वयंसेवकों ने साथ मिलकर इस महायज्ञ को सफल बनाया। सामक चावल, जिसे विशेषकर व्रत के अवसर पर खाया जाता है, को खिचड़ी के रूप में तैयार करना न केवल परंपरा का सम्मान है बल्कि स्वास्थ्य और सात्विकता का संदेश भी है। आयोजन के दौरान गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ( Golden Book of World Records ) के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्नोई जी, श्रीमती सोनल शर्मा जी एवम GBWR टीम सहित उपस्थित रहे। GBWR टीम ने सुबह से ही खिचड़ी की तैयारी को बा...

डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन घुटनों एवं जोड़ो के दर्द से परेशान मरीजों को निःशुल्क लाल तेल का सर्वाधिक वितरण का बनाया विश्व कीर्तिमान

जोड़ों का दर्द एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, आमतौर पर, जोड़ों के दर्द में घुटने का दर्द, कंधे या गर्दन का दर्द, कोहनी और कुल्हे का दर्द शामिल होता है। यह दर्द विभिन्न कारणों से हो सकता है, जैसे कि अव्यवस्थित खानपान, अधिक शारीरिक कार्य, जबकि कभी-कभी यह अन्य बीमारियों  के कारण रूमेटॉयड आर्थराइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, और गठिया जैसी बीमारियां भी जोड़ों के दर्द का कारण बन सकती हैं। सही जीवनशैली और नियमित चेकअप से यह संभावना है कि जोड़ों की समस्याओं को सही समय पर पहचाना जा सके और उचित उपचार की शुरुआत की जा सके। तेल की मालिश जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए बहुत ही अच्छा विकल्प माना जाता हैं जिसका परामर्श कई चिकित्सकों द्वारा दिया जाता हैं। राजस्थान, कोटा के रहने  वाले एवं जैन कांफ्रेंस, नई दिल्ली के राष्ट्रीय मंत्री  डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन जी (Dr. Sudhir Harbans Lal Jain) का नाम समाज में एक प्रतिष्ठित एवं सदैव जरूरत मंदों की सहायता करने वाले के रूप में लिया जाता हैं। "दुःख में सुख खोज लेना, हानि में लाभ खोज लेना एवं प्रतिकूल...

क्राइम ब्रांच, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, श्री राजेश डंडोतिया जी के ड्रग अवेयरनेस सेशन ने रचा इतिहास, वर्ल्ड रिकॉर्ड में हुआ शामिल

इंदौर क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (ADCP) श्री राजेश डंडोतिया जी (Mr. Rajesh Dandotia) ने नशामुक्ति के क्षेत्र में एक अनूठा कीर्तिमान स्थापित करते हुए 19 जुलाई 2025 को एलन करियर इंस्टीट्यूट, इंदौर में आयोजित ड्रग अवेयरनेस सेशन के माध्यम से Golden Book of World Records में अपना नाम दर्ज  कराया।   इस ऐतिहासिक सेशन में 3,123 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। यह न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है कि एक पुलिस अधिकारी द्वारा इतने बड़े स्तर पर नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों और समाज को भी जागरूक किया गया। विश्व रिकॉर्ड में शामिल इस सेशन का विषय था: "ड्रग्स एंड नार्सिसिज़्म – युवाओं में बढ़ती प्रवृत्ति और उसका समाधान"I सेशन के दौरान श्री डंडोतिया जी द्वारा बच्चों को नशे के प्रकार, उसके मानसिक और शारीरिक प्रभाव, और उससे बचाव के उपायों पर जानकारी दी। साथ ही इंटरेक्टिव तरीके से बच्चों से संवाद कर उन्हें नशे के खिलाफ जागरूक रहने की शपथ दिलाई I कार्यक्रम को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Golden Book of World Re...