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दुनिया का सबसे बड़ा दीप जलाकर दैनिक दिव्य मराठी एवं सोनी पैठणी ने रचा विश्व कीर्तिमान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज

हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले दीप प्रज्वल्लन की परंपरा हैं। देवी -देवताओं की पूजा से लेकर हवन, पाठ या किसी भी मांगलिक कार्यक्रम में दीप प्रज्वलित करना शुभ माना जाता है। दीपक जलाने से न केवल जीवन का अंधकार दूर होता है, बल्कि घर में मौजूद निगेटिव एनर्जी भी दूर होती है। शास्त्रों के अनुसार, दीपक जलाने से जीवन की परेशानियां खत्म हो जाती हैं। दीपक को ज्ञान और रोशनी का प्रतीक माना गया है। दीपक को सकारात्मकता का प्रतीक व दरिद्रता को दूर करने वाला भी माना जाता है। दीपक जलाने का कारण यह है कि हम अज्ञान का अंधकार मिटाकर अपने जीवन में ज्ञान के प्रकाश के लिए पुरुषार्थ करें।

दिनांक 22 जनवरी 2024 यह दिन संपूर्ण भारत देश के लिए किसी त्यौहार से कम नहीं था। इसी दिन भगवान राम की जन्म भूमि कही जाने वाली अयोध्या नगरी में प्रभु श्री राम की प्रतिमा को विराजित किया गया। यह दिन सम्पूर्ण देश में एक त्यौहार के रूप में मनाया गया। देश के विभिन्न हिस्सों में अनेकों धार्मिक कार्यक्रम एवं अनुष्ठानों का आयोजन किया गया। महाराष्ट्र के नाशिक में भी इस उत्सव को एक विशेष रूप से मनाया गया। देश के प्रमुख दैनिक समाचार पत्र दैनिक भास्कर के मराठी एडिशन दैनिक दिव्य मराठी (Dainik Divya Marathi) एवं साड़ियों की मशहूर निर्माता कंपनी सोनी पैठणी (Soni Paithani) के संयुक्त तत्वाधान में सबसे बड़ा दीप प्रज्व्वलित कर उत्सव मनाया गया। सबसे बड़े आकार दीप प्रज्ज्वलित करने के इस अनूठे कार्य को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) द्वारा  "Largest Enlightening Oil Lamp" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। 

नाशिक में प्रज्वलित यह दीपक शहर भर के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। लोगों ने उत्साह और उजाले के प्रतीक इस दीप को नमन कर प्रभु श्री राम के नाम का जयघोष किया। राह चलते लोगों ने इस दीपक के साथ फोटो एवं सेल्फी ली। श्री राम लला प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के इस शुभ अवसर पर इतने बड़े दीप को प्रज्वलित करने दैनिक दिव्य मराठी एवं सोनी पैठणी साड़ी के इस विचार की बहुत सराहना की गयी।   

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