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गाय के गोबर एवं गौमूत्र से निर्मित दुनिया की पहली चटाई बनाने के लिए मनोहर गौशाला का गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

छत्तीसगढ़, खैरागढ़ के धरमपुरा स्थित मनोहर गौशाला (Manohar Gaushala) का यहां बूढी और अशक्त गायों की सेवा की जाती हैं। "गाय का करो सम्मान, गाय हैं माँ समान"  यह नारा है सतत जीव दया व सेवाभावी कार्यों के लिये प्रतिष्ठित हो चुके मनोहर गौशाला का जिसकी की शुरुआत महज 18,000 वर्ग फीट जमीन से हुई। वर्तमान में यह 11 एकड़ भूमि और 10 एकड़ किराये की भूमि पर फैला हुआ है। संगठन का लक्ष्य 100 एकड़ और 25 एकड़ के घने जंगल में फैली एक आत्मनिर्भर गौशाला बनाना है जहां हजारों गायें रह सकें। मनोहर गौशाला में निर्मित फसल अमृत किसानों को लाभदायक फसल उगाने में मदद करता है और अपर्याप्त पानी या पोषक तत्वों के कारण फसलों को होने वाले संभावित नुकसान भी से बचाता है। यह जैविक जल-धारण करने वाला हाइड्रोजेल कृषि में अभूतपूर्व बदलाव ला रहा है और भारतीय किसानों के बीच पसंदीदा बन रहा है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय व रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों द्वारा मनोहर गौशाला में निर्मित फसल अमृत को पर्यावरण संरक्षण व मानव स्वास्थ्य के लिये बहुउपयोगी बताया गया है और इस पर आगे भी शोध कार्य जारी है। मनोहर गौशालाके मैनेजिंग ट्रस्टी अखिल जैन (पदम डाकलिया) जी के  मार्गदर्शन में जमीन की उर्वरता एवं फसलों की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से अब तक किसानों को 70000 लीटर फसल अमृत मुफ्त प्रदान किया गया। सर्वाधिक मात्र में सूर्य की किरण और गोमूत्र से निर्मित प्राकृतिक कीटनाशक के वितरण हेतु गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स द्वारा मनोहर गौशाला का नाम "Largest Distribution of Sunlight Based Liquid Fertilizer" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया।

गौसेवा के कार्य हेतु सदैव तत्पर एवं जीव दया के लिए समर्पित खैरागढ़ के धरमपुरा में स्थित मनोहर गौशाला में प्रभु पार्श्वनाथ पंचकल्याणक पूजन और 10वाँ स्थापना दिवस उत्सव धूमधाम से मनाया गया। स्थापना दिवस के विशेष अवसर पर मनोहर गौशाला को विश्व रिकॉर्ड का सम्मान भी प्रदान किया गया। यह सम्मान गौशाला की कामधेनु कही जाने वाली गौमाता सौम्या के गोबर से निर्मित चटाई के लिए प्रदान किया गया। श्रीमती कमला बाई कन्हैयालाल डाकलिया चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित मनोहर गौशाला के मैनेजिंग ट्रस्टी अखिल जैन (पदम डाकलिया) जी के विशेष मार्गदर्शन में इस चटाई का निर्माण किया गया था। गोबर एवं गौमूत्र से निर्मित 14.3 किलो वजनी एवं 5'10" लम्बी 3'06" चौड़ी इस चटाई में 4,730 गोबर के बीड्स का उपयोग किया गया। इस विशेष चटाई को 54 करागीरों द्वारा 11 महीने के समय में तैयार किया गया। गाय के गोबर से निर्मित इस चटाई को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) द्वारा "First Cow Dung Made Mat" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकार्ड के रूप में दर्ज किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड के सर्टिफिकेट आयोजन में विशेष रूप से उपस्थित गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स की प्रतिनिधि श्रीमती सोनल राजेश शर्मा जी द्वारा श्री अखिल जैन (पदम डाकलिया) को माननीय अतिथियों की उपस्थिति प्रदान किया गया। मनोहर गौशाला के मैनेजिंग ट्रस्टी श्री अखिल जैन जी ने बताया की गाय के गोबर से निर्मित दुनिया की यह पहली चटाई देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी को भेंट स्वरुप प्रदान करने के लिए बनाई गयी हैं।

मनोहर गौशाला में आयोजित इस समारोह में डॉ. विनय बौथरा जी, अमरावती, गोंदिया के महंत श्री रामज्ञानीदास महात्यागी जी, श्री राजेश बरलोटा जी, श्री ओमप्रकाश बरलोटा जी, खैरागढ़ जैन समाज के अध्यक्ष श्री राजेंद्र डाकलिया जी, अमरावती गोकुलम संस्थान के अध्यक्ष डॉ. हेमंत मुरके जी एवं कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के साथ-साथ छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात एवं बिहार से आये गौसेवा प्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम में विशष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित कृषि विश्वविद्यालय के डायरेक्टर ऑफ़ रिसर्च डॉ. विवेक त्रिपाठी जी ने मनोहर गौशाला में निर्मित फसल अमृत की सराहना की कहा कि अगर सभी गौशाला में ऐसा कार्य होने लग जाये तो देश के किसानों की आय में बहुत वृद्धि होगी और बहुत जल्द ही वे सम्रद्ध बन जाएँगे।  

न्यूज़ एवं मीडिया कवरेज़:

Video Courtesy: ETV Bharat News










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