Skip to main content

बरेली, उत्तर प्रदेश की लेखिका श्रीमती नीलम रानी गुप्ता जी का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज

कविता साहित्य का एक महतवपूर्ण अंग है। कविता की एक निश्चित परिभाषा देना कठिन है लेकिन इतना कहा जा सकता है कि किसी प्रसंग या भाव को छंद, अलंकार, रस आदि का उपयोग कर कलात्मक रूप से प्रस्तुत किया जाए तो वह कविता या काव्य कहलाता हैं। हर एक पंक्ति में कविता अपने भाव और महत्त्व को प्रकट करती है। कविता लेखन एक एसी कला है जिसमें शब्दों की सहेज से एक अद्वितीय और सुंदर रचना बनती है। कविता के माध्यम से हम संसार के सुख, दु:ख, आनन्द आदि का यथार्थ रूप से अनुभव कर सकते हैं। कविता लेखन एक ऐसी महत्वपूर्ण कला और साहित्यिक विधा है जिसे कवि अपनी भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करने का एक माध्यम मानते हैं।

बरेली, उत्तर प्रदेश की श्रीमती नीलम रानी गुप्ता जी (Mrs. Neelam Rani Gupta) ने अपनी काव्य रचनाओं एवं साहित्य माध्यम से अपने पाठको के हृदय में एक विशेष स्थान सुनिश्चित कर लिया हैं।  काव्य और साहित्य रचने की कला में निपुण नीलम गुप्ता जी ने अपनी कलम से कई ऐसे काव्य रचे हैं जिन्होंने विश्व कीर्तिमान स्थापित काव्य रचना के क्षेत्र में एक नया इतिहास लिख दिया।  श्रीमती नीलम रानी गुप्ता जी द्वारा लिखित एवं सम्पादित 1024 पंक्तियों कविता "उसकी खातिर" को "Longest Published Poem"  के शीर्षक के साथ गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) द्वारा विश्व कीर्तिमान के रूप में दर्ज किया गया। "उसकी खातिर" कविता में कवयित्री ने एक ऐसे परिवार की व्यथा को प्रस्तुत किया हैं, जिसमे जिसमें एक पुत्र अपनी पत्नी को अपने माता-पिता के कहने पर सिर्फ इसलिए घर से निकाल देता है, क्योंकि वह एक बेटी को जन्म देती है। श्रीमती नीलम रानी गुप्ता जी द्वारा लिखित "रूह से कविता" के चौथे भाग "मन से तन तक" एक ऐसी काव्य संग्रह पुस्तिका जिसमें मानव शरीर के अंगों, उनकी रचनाओं  एवं कार्यों को काव्य के रूप में प्रस्तुत किया हैं। मानव शरीर के अंगो पर आधारित इस विशेष काव्य संग्रह पुस्तक को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स द्वारा "First Poetry Book on Body Organs" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया।

श्रीमती नीलम रानी गुप्ता ने एक विशेष काव्य संग्रह "एक संसार यह भी" का निर्माण किया जिसमें उन्होंने जीव जंतुओं पर आधारित कविताओं की रचना की जो मनोरंजक के साथ-साथ ज्ञानवर्धक भी हैं। 136 जीव-जंतुओं पर आधारित 136 कविताओं वाली इस पुस्तक को "First Poetry Book on Animals" के शीर्षक के साथ गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। यह पुस्तक बच्चों के लिए जीव-जंतुओं के विषय में, सीखने और पहचान करने में काफी लाभदायक सिद्ध हो सकती हैं। श्रीमती नीलम रानी गुप्ता जी का जन्म 2 अक्टूबर 1968 को दनकौर नॉएडा में हुआ था। इन्होने आगरा कॉलेज, आगरा से जंतु विज्ञान से एम.एस.सी. की डिग्री प्राप्त की हैं। "रूह से" (कहानी संग्रह) इनकी पहली प्रकाशित पुस्तक हैं। श्रीमती नीलम रानी गुप्ता जी ने अब 10 पुस्तकें लिखी हैं और 30 से अधिक पुस्तकों की सह-लेखक हैं।


https://newspositive.co.in/ Name of writer Mrs. Neelam Rani Gupta from Bareilly, Uttar Pradesh registered in the Golden Book of World Records.


Comments

Popular posts from this blog

सर्वाधिक योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन (Akhil Bharatvarshiya Maheshwari Mahila Sangathan) देश में महिलाओं के सर्वांगीण विकास एवं उत्थान के उद्देश्य से निरंतर कार्यरत हैं। संगठन द्वारा राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर महिलाओं में नेतृत्व की शैली को विकसित करने हेतु  लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम, आत्मविश्वास एवं रचनात्मकता के विकास हेतु पर्सनालिटी डेवलपमेंट कार्यशाला जैसे अन्य कई प्रशिक्षण शिविरों का समय-समय आयोजन किया जाता हैं। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा महिलाओं के अलावा बच्चों के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास हेतु निरंतर कार्य किया जाता रहता हैं। संगठन द्वारा समय-समय पर सामाजिक के साथ धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं।  "फिट इंडिया ही हिट इंडिया  है " की विचारधारा रखते हुए अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की संस्कार सिद्ध समिति (Sanskar Siddha Samiti) द्वारा एवं गीता परिवार (Geeta Parivar) के सानिध्य में योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। विश्व योग दिवस दिनांक 21 जून 2023 से स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 तक अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की राष्ट्रीय अध्

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ योगाचार्य आशीष शर्मा का नाम

वर्तमान समय में हम सभी योग एवं उससे होने वाले लाभो से भली भांति परिचित हैं। आज के समय में अनेक क्षेत्रों में योग का बहुत महत्व है। योग सही तरह से जीवन जीने का विज्ञान है और इसलिए इसे दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए। यह हमारे जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक, आदि सभी पहलुओं पर काम करता है। योग शब्द की जड़ है संस्कृत शब्द "युज" जिसका मतलब है जुड़ना। आध्यात्मिक स्तर पर इस जुड़ने का अर्थ है सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक होना। व्यावहारिक स्तर पर, योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। योग साधना का शारीरिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका है। योग से अंगो की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है तथा शरीर स्वस्थ व निरोगी बनता है। योग के द्वारा शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी प्राप्त किया जा सकता है। योगाभ्यास द्वारा मन की चंचलता को कम कर मानसिक एकाग्रता प्राप्त की जा सकती है। मेरठ, उत्तरप्रदेश के रहने वाले श्री आशीष शर्मा जी (Mr. Ashish Sharma) का जन्म 28 जून 1992 को श्री कुलवंत किशोर शर्मा जी एवं श्रीमती सुषम

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ दिव्यांग बच्चों के लिए आयोजित पांच दिवसीय स्किल डेवलपमेंट शिविर

मूक-बधिर बच्चें ऐसे बच्चें होते हैं जो जन्म से या किसी दुर्घटनावश बोलने और सुनने की क्षमता से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में मूक-बधिर बच्चों का विकास एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय है। इन बच्चों के लिए शिक्षा एवं सामाजिक समर्थन की बहुत अधिक आवश्यकता होती हैं। उन्हें विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है जो उन्हें विकसित करें, आर्थिक रूप से अपने पैरों पर खड़े होने में मदद कर सकें और परिवार के साथ मिलकर उन्हें समाज में सम्मिलित होने में मदद करें। इन बच्चों का शिक्षण-प्रशिक्षण एवं विकास, समर्थन और स्नेहभरे वातावरण में होना चाहिए ताकि वे भी सफलता प्राप्त कर सकें।  गुवहाटी, असम में दिनांक 28 सितम्बर से 02 अक्टूबर 2023 तक मूक-बधिर बच्चों के कौशल विकास हेतु राष्ट्रीय स्तर पर पांच दिवसीय स्किल डेवलपमेंट शिविर का आयोजन किया गया। यह आयोजन  तुलसी ग्रैंड, गरल धारापुर में  महावीर इंटरकॉन्टिनेंटल सर्विस आर्गेनाइजेशन (Mahaveer Intercontinental Service Organization), अनाम प्रेम (Anam Prem), मुंबई एवं आचार्य तुलसी महाश्रमण रिसर्च फाउंडेशन (Acharya Tulsi Mahashraman Research Foundation) द्वारा संयुक्त रूप से