Skip to main content

गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज देवकी रामधारी फाउंडेशन का नेत्रदानी देहदानी सम्मान समारोह

आँखे हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग हैं, आँखों के अभाव में जीवन कितना मुश्किल हो सकता है इसकी कल्पना हम कुछ मिनट अपनी आँखें बंद करके कर सकते हैं। किसी भी व्यक्ति की आँखे न केवल उसे जीवनभर रोशनी देकर उसके जीवन को सुगम बनाती हैं बल्कि उसके मरने के बाद भी किसी ओर के जीवन से भी अंधकार को दूर कर सकती हैं। यह नेत्रदान से संभव किया जा सकता हैं, नेत्रदान के जरिए ही उन लोगों के जीवन में रोशनी लाई जा सकती है जिन्हें अंधेरा अभिशाप के रूप में मिला है। ठीक इसी प्रकार देहदान का भी बहुत अधिक महत्त्व होता हैं। देहदान से व्यक्ति मरणोपरांत किसी को जीवन दान देने के साथ-साथ चिकित्सा जगत में ऐसा सहयोग प्रदान करता है जिससे आने वाले कई वर्षों तक चिकित्सक बहुत से लोगों की जान बचाता हैं। देहदान किये हुए शरीर को चिकित्सा के क्षेत्र में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थी, एक शिक्षक की तरह सम्मान देते है क्योकि उसके माध्यम से वे मानव शरीर पर शोध एवं जटिल ऑपरेशन्स करना सिखते हैं।

नेत्र-दान एवं देह-दान के प्रति लोगो को जागरूक करने हेतु रायगढ़, छत्तीसगढ़ के युवा समाजसेवी श्री दीपक डोरा जी (Mr. Deepak Dora) द्वारा देवकी रामधारी फाउंडेशन (Devaki Ramdhari Foundation) की स्थापना की गयी। वर्ष 2016 में अपनी माता स्व. श्रीमती देवकी देवी अग्रवाल जी (Late. Mrs. Devaki Devi Agrawal) के मरणोपरांत उनका नेत्र-दान करने के पश्चात, इसी घटना से प्रेरित होकर अपने घर-परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर नेत्र-दान के प्रति लोगो को जागरूक करना अपना प्रथम कर्त्तव्य बना लिया एवं अपने माता-पिता के नाम से "देवकी रामधारी फाउंडेशन" की शुरुआत की जिसके बाद से आज तक वे निरंतर शहर एवं प्रदेश के लोगों में नेत्र-दान एवं देह-दान के प्रति जाग्रति फ़ैलाने का सराहनीय कार्य कर रहे हैं। दिनांक 8 अक्टूबर रविवार को रायगढ़, नगर निगम ऑडिटोरियम, पंजरी प्लांट में "नेत्रदानी देहदानी सम्मान समारोह" का आयोजन किया गया, जिसमे देवकी रामधारी फाउंडेशन, जिला प्रशासन एवं समस्त स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा मरणोपरांत नेत्रदान व देहदान करने वाले लोगों के परिवारजनों का सम्मान किया गया। वर्ष 2016 - 2023 तक नेत्रदान जागरूकता अभियान द्वारा नागरिकों एवं संस्थाओं के माध्यम से देवकी रामधारी फाउंडेशन द्वारा 5000 से भी अधिक लोगो द्वारा संकल्प पत्र भरकर नेत्रदान का संकल्प लिया गया। संस्था द्वारा किये गए इस कार्य को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में "Largest Eye Donations Registrations Performed by an Organization" के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया जिसका आधिकारिक प्रोविजिनल सर्टिफिकेट समारोह में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्नोई जी (Dr. Manish Vishnoei, Asia Head, GBWR) द्वारा संस्था के चेयरमेन श्री दीपक डोरा जी को प्रदान किया। 

कार्यक्रम की शुरुआत ‘नेत्रदान-महादान’ विषय पर चित्रकला  प्रतियोगिता से हुई जिसमे स्कूल, कालेज के छात्रों एवं वरिष्ठ वर्ग के लोगों द्वारा भाग लिया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि रायगढ़ रेंज के उप महानिदेशक पुलिस श्री रामगोपाल गर्ग जी (Mr. Ramgopal Garg, DIG Raigarh) एवं GBWR के एशिया हेड डॉ मनीष विश्नोई जी  के द्वारा "नेत्रदान देहदान जागरूकता गीत" का विमोचन किया गया इस गीत की रचना गीतकार श्री संतोष शर्मा जी द्वारा की गई एवं इसे स्वर दिया शहर के प्रसिद्ध लोक गायक श्री दीपक आचार्य एवं देहदानी यूथ आइकॉन श्री विजय शर्मा जी द्वारा। इस गीत को सुनने के बाद कार्यक्रम में मौजूद सभी श्रोतागण भाव-विभोर होकर मंत्र-मुग्ध  हो गये, कई लोगों ने बताया की इस गीत का प्रत्येक शब्द दिल को छु जाने वाला था। इसी कार्यक्रम के दौरान 18 दानदाताओं द्वारा देहदान एवं 4 दानदाताओ द्वारा नेत्रदान हेतु संकप भी लिया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु देवकी रामधारी फाउंडेशन की डायरेक्टर श्रीमती लता दीपक डोरा जी, डायरेक्टर श्री आशीष अग्रवाल जी, श्री अनुराग मित्तल जी, श्री कमलेश गोठेवाल जी, श्री पीयूष कुमार स्वर्णकार जी, श्री लोकेश गुप्ता जी, श्रीमती गीतिका वैष्णव जी, श्रीमती अन्नू तिवारी जी, श्री राम नंदन यादव जी, श्री विनोद चौहान जी, श्री शिवराज साहू जी, श्रीमती नीलम थवाइत जी, श्री सुरेंद्र निषाद जी सहित रायगढ़ की विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधिगणों द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गयी। 

नेत्र दान संकल्प पत्र इच्छूक दानदाता जो अपने नेत्रों का दान करना चाहते है दिये गए लिंक पर  फार्म भर कर पुण्य के भागीदारी बने एवं भारत देश को नेत्र हीन मुक्त बनाने मे योगदान दे ।

न्यूज़ एवं मीडिया कवरेज़ -

Video Courtesy: Radio Dhoom



Video Courtesy: HARSH NEWS

देवकी रामधारी फाउंडेशन का मरणोंप्रांत देहदान व नेत्रदान करने वाले परिवार जनों का सम्मान समारोह सम्पन्न। देवकी रामधारी फाउंडेशन ने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड मे शामिल होकर विश्व कीर्तिमान बनाया



Comments

Popular posts from this blog

डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन घुटनों एवं जोड़ो के दर्द से परेशान मरीजों को निःशुल्क लाल तेल का सर्वाधिक वितरण का बनाया विश्व कीर्तिमान

जोड़ों का दर्द एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, आमतौर पर, जोड़ों के दर्द में घुटने का दर्द, कंधे या गर्दन का दर्द, कोहनी और कुल्हे का दर्द शामिल होता है। यह दर्द विभिन्न कारणों से हो सकता है, जैसे कि अव्यवस्थित खानपान, अधिक शारीरिक कार्य, जबकि कभी-कभी यह अन्य बीमारियों  के कारण रूमेटॉयड आर्थराइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, और गठिया जैसी बीमारियां भी जोड़ों के दर्द का कारण बन सकती हैं। सही जीवनशैली और नियमित चेकअप से यह संभावना है कि जोड़ों की समस्याओं को सही समय पर पहचाना जा सके और उचित उपचार की शुरुआत की जा सके। तेल की मालिश जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए बहुत ही अच्छा विकल्प माना जाता हैं जिसका परामर्श कई चिकित्सकों द्वारा दिया जाता हैं। राजस्थान, कोटा के रहने  वाले एवं जैन कांफ्रेंस, नई दिल्ली के राष्ट्रीय मंत्री  डॉ. सुधीर हरबंस लाल जैन जी (Dr. Sudhir Harbans Lal Jain) का नाम समाज में एक प्रतिष्ठित एवं सदैव जरूरत मंदों की सहायता करने वाले के रूप में लिया जाता हैं। "दुःख में सुख खोज लेना, हानि में लाभ खोज लेना एवं प्रतिकूल...

सर्वाधिक योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन (Akhil Bharatvarshiya Maheshwari Mahila Sangathan) देश में महिलाओं के सर्वांगीण विकास एवं उत्थान के उद्देश्य से निरंतर कार्यरत हैं। संगठन द्वारा राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर महिलाओं में नेतृत्व की शैली को विकसित करने हेतु  लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम, आत्मविश्वास एवं रचनात्मकता के विकास हेतु पर्सनालिटी डेवलपमेंट कार्यशाला जैसे अन्य कई प्रशिक्षण शिविरों का समय-समय आयोजन किया जाता हैं। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा महिलाओं के अलावा बच्चों के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास हेतु निरंतर कार्य किया जाता रहता हैं। संगठन द्वारा समय-समय पर सामाजिक के साथ धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं।  "फिट इंडिया ही हिट इंडिया  है " की विचारधारा रखते हुए अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की संस्कार सिद्ध समिति (Sanskar Siddha Samiti) द्वारा एवं गीता परिवार (Geeta Parivar) के सानिध्य में योग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। विश्व योग दिवस दिनांक 21 जून 2023 से स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 तक अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिल...

सबसे कम उम्र में हनुमान चालीसा का पाठ करके ईशानी ने रचा इतिहास

तीन साल की आयु, जब बच्चे सामन्यतः बोलना सीख रहे होते हैं। वहीं इसी आयु की इंदौर की रहने वाली ईशानी खण्डेलवाल (Ishani Khandelwal) ने हनुमान चालीसा का पाठ सुनाकर सारी दुनिया को अचंभित कर दिया। ईशानी की इस उपलब्धि को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ( Golden Book of World Record ) में स्वर्णिम अक्षरों से दर्ज किया गया है। ईशानी ने न केवल हनुमान चालीसा का पाठ किया है बल्कि उन्हें हनुमान चालीसा याद भी है। ईशानी को उनके माता पिता द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। 18 अप्रैल 2025 को मध्यप्रदेश के इंदौर की रहने वाली ईशानी खण्डेलवाल (D/O श्रीमती कृतिका एवं श्री मयूर खण्डेलवाल) ने महज 3 वर्ष 1 माह 9 दिन की आयु में हनुमान चालीसा का पाठ करके विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है। जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में "सबसे कम उम्र में हनुमान चालीसा का पाठ ( Youngest to Ricite Hanuman Chalisa )" के शीर्षक के साथ ईशानी खण्डेलवाल के नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज किया। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड डाँ. मनीष विश्नोई (Dr. Manish Vishnoei, Asia Head, GBWR) ने ईशानी को उनके माता पिता की उपस्थिति ...