हजारों साल पहले योग की उत्पत्ति भारत में हुई थी। योग का इतिहास बहुत प्राचीन है, और इसे भारतीय साहित्य और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। योग का उल्लेख वेदों में भी मिलता है, जो लगभग 5000 वर्ष पहले लिखे गए थे। वेदों में, योग को एक मार्ग के रूप में वर्णित किया गया है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक समृद्धि की प्राप्ति के लिए है। महर्षि पतंजलि द्वारा निर्मित "योग सूत्र" जो लगभग 2000 वर्ष पूर्व लिखे गए थे, योग का सिद्धान्तिक वर्णन हैं। महर्षि पतंजलि द्वारा योग को आठ अंगों में विभाजित किया गया: यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, और समाधि। इन आठ अंगों का समावेश करके एक योग साधक जीवन को संतुलित बनाए रखता है। योग करने के कई फायदे हैं। योग न केवल हमारे शरीर की मांसपेशियों को अच्छा व्यायाम देता है, बल्कि यह हमारे दिमाग को शांत रखने में भी मदद करता है। देश दुनिया में योग के प्रचार-प्रसार में युवा योग साधकों एवं गुरुओं का विशेष योगदान हैं। योग से होने वाले लाभ को देखते हुए आज तेजी से विश्व-स्तर पर लोगो का झुकाव इसकी और हो रहा हैं। आज योग अंतरराष्ट्रीय स्त...