8 वर्ष की उम्र एक ऐसी उम्र होती है, जहाँ बच्चे अपनी एक काल्पनिक दुनिया में जीते हैं। जहाँ उन्हें पूरी दुनिया एक परीलोक की कहानी लगाती हैं, और लगे भी क्यों नहीं क्योंकी माता-पिता उन्हें राजकुमारी या राजकुमार की तरह प्रेम करते हैं एवं उनकी हर इच्छा को पूरी करते है। किसी भी इंसान के लिए बचपन का समय जिंदगी का सबसे खूबसूरत समय होता है, जो खेल-कूद और मौज-मस्ती में कब गुजर जाता हैं पता ही नहीं चलता। इसके उलट कुछ बच्चे ऐसे होते जो अपने बालपन में ही कुछ ऐसे कारनामे कर दिखाते है, कि अपना एवं अपने माता-पिता का नाम रोशन कर देते हैं और पूरी दुनिया को अपनी कला से मोहित कर लेते हैं। एसी ही एक छोटी सी बालिका है कु. स्वेच्छा साहू जिन्होंने गायन के क्षेत्र में ऐसा कारनामा किया कि उनके माता पिता का सर गर्व से ऊँचा हो गया। मात्र 8 वर्ष की उम्र में गायन के क्षेत्र में डिप्लोमा पूरा कर राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ की कु. स्वेच्छा साहू (Swechha Sahu from Rajnandgaon, Chhattisgarh) ने सबसे कम उम्र में गायन में डिप्लोमा किया और स्वेच्छा की इस अद्भूत उपलब्धि के कारण उनका नाम गोल्डन बुक ओफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden B...