02 जनवरी 1950 को छोटे से गाँव औरंगाबाद – मितरौल (तहसील होडल, जिला पलवल) मे पिता श्री लालाश्रीचंद गर्ग जी तथा माता श्रीमती किरण देवी जी के यहाँ जन्म लेने वाले, श्री हरि चंद्र गर्ग शुरू से ही बहुत ही मेहनती रहे है। जब वे कक्षा छः की पढ़ाई कर रहे थे, उसी कालावधि में एक दुर्घटना में उनके पिताजी विकलांग हो गए। पारिवारिक परिस्तिथियों के चलते समय से पूर्व ही जिम्मेदारियों का वहन करना पड़ा, इसी के साथ-साथ उन्होंने अपनी हाई स्कूल तक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के उपरांत वर्ष 1973 में उन्होंने लोक निर्माण विभाग में नौकरी प्रारंभ की एक साल तक नौकरी करने के बाद वो नौकरी छोड़ कर उसी विभाग में ठेकेदारी का कार्य करने लगे जो उन्होंने 2015 तक किया। वर्तमान समय में फरीदाबाद में निवास करने वाले 70 वर्षीय श्री हरीचन्द्र गर्ग (Mr. Hari Chandra Garg) जी को प्रकृति से विशेष प्रेम हैं। उनके इसी प्रेम के चलते उन्होंने अपने घर के पास स्थित कचरा डालने वाले स्थान (garbage dump) को साफ किया एवं उसमे कई तरह के उपयोगी पौधे जैसे तुलसी, एलोवेरा, गिलोय, आँवला, गेंदा, गुड़हल आदि के पौधे लगाए है। श्री गर्ग जी के निज निवास की बगिया...