पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए पेड़-पौधों के साथ-साथ पशु-पक्षियों की भी अहम भूमिका होती है। पक्षी बीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने का भी काम करते हैं, जिससे की पर्यावरण हरा-भरा बना रहता है। जहाँ पर पक्षियों की चहचहाट होती है वहाँ का पर्यावरण संतुलित होता है। पक्षी पर्यावरण के प्रमुख घटक होते हैं, पक्षियों के बीट में यूरिया होता है जो खाद का काम करता है और वे हानिकारक फसल कीटों को नष्ट कर के, जैव नियंत्रण में भी हमारी सहायता करते हैं। पक्षी हमारे पर्यावरण के अभिन्न अंग हैं। परंतु अवैध शिकार एवं वन क्षेत्र घटने से कुछ पक्षियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। आज विकास की तेज आंधी का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव जैव विविधता पर पड़ रहा है, पक्षियों की अनेक प्रजातियों की संख्या में तीव्र गति से गिरावट आ रही है तथा अनेक प्रजातियाँ तो आज लुप्त होने की कगार पर हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए पक्षियों को संरक्षित करना हमारा परम कर्तव्य बनता है। इंदौर, मध्य प्रदेश के निवासी प्रोफेसर डॉ. अरुण खेर जी (Dr. Arun Kher) जोकि होलकर साइंस कॉलेज में वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष एवं प्...