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इस्कॉन प्रचार केंद्र जगदलपुर द्वारा आयोजित "उमंग: द मेगा यूथ फेस्टिवल 2024" में डिवाइन रॉक संकीर्तन कर रचा विश्व कीर्तिमान

अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ  (International Society for Krishna Consciousness) जो आज दुनिया भर में इस्कॉन नाम से जाना जाता हैं। इस्कॉन की स्थापना सन् 1966 में भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद जी द्वारा अमेरिका के न्यूयार्क में की गयीं थी, इस संस्था का मुख्य उद्देश्य श्री कृष्ण और उनके उपदेशों को पूरे विश्वभर में प्रसारित करना हैं। न्यूयॉर्क से प्रारंभ हुई कृष्ण भक्ति की निर्मल धारा शीघ्र ही विश्व के कोने-कोने में बहने लगी। आज भी इस्कॉन के अनुयायी श्रीमदभगवद् गीता एवं सनातन संस्कृति का प्रचार-प्रसार करते हैं। इस्कॉन के साधारण नियमों और सभी जाति-धर्म के प्रति समभाव के चलते इसके अनुयायीयों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हर वह व्यक्ति जो प्रभु श्री कृष्ण में लीन होना चाहता है, उनका यह मंदिर स्वागत करता है। स्वामी प्रभुपादजी के अथक प्रयासों के कारण दस वर्षों के अल्प समय में ही समूचे विश्व में 108 मंदिरों का निर्माण हो चुका था। इस समय इस्कॉन समूह के लगभग 1000 से अधिक मंदिरों की स्थापना हो चुकी है।  छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में इस्कॉन (ISKCON) प्रचार केंद्र द्वारा ''उमंग: द मेगा यूथ फे

इस्कॉन द्वारा आयोजित गोपाल महाभिषेक कार्यक्रम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज

अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ  -  इस्कॉन (International Society for Krishna Consciousness) एक वैदिक धर्मिक संगठन है जो कृष्ण भक्ति के माध्यम से देश-दुनिया में लोगों को धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षा प्रदान करता है। संगठन का मुख्य उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) के प्रति श्रद्धा और प्रेम को प्रोत्साहित करना और लोगों को वैदिक धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के माध्यम से आध्यात्मिक जीवन की दिशा में मार्गदर्शन करना है। इस्कॉन के अनुयायी भगवान कृष्ण की पूजा, भगवद गीता का अध्ययन, कीर्तन (भगवान के नाम की महिमा का गान), और वैष्णव धर्म के मूल तत्वों का पालन करते हैं। इस्कॉन के संस्थापक एक प्रमुख आध्यात्मिक गुरु और भक्ति योग के प्रमुख प्रचारक थे जिनका नाम अभय चरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद (Abhaycharanavinda Bhaktivedanta Swami Prabhupada) हैं, जिन्हें "स्वामी श्रील भक्तिवेदांत प्रभुपाद" के नाम से भी जाना जाता है। स्वामी प्रभुपाद जी का जन्म 1 सितंबर 1896 को हुआ था और उन्होंने इस्कॉन की स्थापना 1966 में न्यूयॉर्क सिटी में की थी। स्वामी प्रभुपाद ने भगवद्गीता के उपदेशों क