श्री उमिया माता जी मंदिर, सिदसर के सवा शताब्दी प्राकट्य महोत्सव के उपलक्ष्य में कार रैलियां निकालकर कर रचा विश्व कीर्तिमान गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में हुआ दर्ज
भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन और गहरी संस्कृतियों में से एक है, भारतीय पौराणिक और धार्मिक ग्रंथों में देवियों को माँ और शक्ति के प्रतीक के रूप में परिभाषित किया गया है। देवियों की पूजा और उनके प्रति श्रद्धा समाज में समाजिक और आर्थिक महत्व रखती है। उदहारण के रूप में माँ लक्ष्मी की पूजा समृद्धि और धन की प्राप्ति के लिए की जाती है, जबकि माँ दुर्गा की पूजा समाज की सुरक्षा और साहस की प्रतीक है। भारतीय संस्कृति में स्त्रियों का विशेष स्थान है उन्हें माँ, बहन, और पुत्री के रूप में पूजा जाता है, जो स्त्री की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। भारतीय संस्कृति में पूजी जाने वाली देवियों में से एक सिद्ध देवीं हैं। माता उमिया, जिनकी उपासना उनके भक्तों द्वारा शक्ति एवं दिव्यता के स्रोत रूप में की जाती हैं। माता उमिया को कुर्मी (कड़वे) पाटीदार समाज के लोगों द्वारा अपनी कुलदेवी के रूप में पूजा जाता हैं। गुजरात के सिदसर में उमिया माताजी के प्राकट्य के 125 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 29 सितंबर से 1 अक्टूबर 2023 तक तीन दिवसीय "बिल्वपत्र महोत्सव" का आयोजन किया गया। उत...