सात वर्ष की उम्र में संगीत में डिप्लोमा कर आद्या गर्नायक बनी दुनिया की सबसे कम उम्र की म्यूजिक कम्पोज़र गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज
संगीत भावनाओं और अनुभूतियों को व्यक्त करने का एक शक्तिशाली माध्यम है। संगीत सुनने से व्यक्ति के मस्तिष्क और मन दोनों को एक साथ आनंद की अनुभूति होती है। संगीत एक ऐसी कला हैं, जो विभिन्न राजनीतिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोगों एक साथ को जोड़ता है, इसीलिए संगीत को वैश्विक भाषा भी कहा जाता हैं। म्यूजिक कम्पोजीशन एक ऐसी क्रिया है जिसमें संगीत बनाने की प्रक्रिया होती है। एक कम्पोजर या संगीतकार स्वर, ताल, और लय को जोड़कर एक सुंदर और अद्वितीय धुन बनाता है। म्यूजिक कम्पोजीशन एक ऐसी रचनात्मक प्रक्रिया हैं जिसके माध्यम से संगीतकार बिना किसी भाषा के सभी प्रकार के भावों को व्यक्त कर सकता हैं और साथ ही संगीत के सहारे व्यक्ति अपने भीतर एक काल्पनिक दुनिया का निर्माण कर सकता हैं।
शिव नादर स्कूल, गुरुग्राम की कक्षा दूसरी की छात्रा आद्या गर्नायक ने महज सात वर्ष की उम्र में पियानो से म्यूजिक कम्पोजिशन में डिप्लोमा पूरा कर एक इतिहास रच दिया हैं। नन्ही आद्या ने महज डेढ़ वर्ष के प्रेक्टिस के बाद यह कारनाम कर दिखाया। आद्या द्वारा सबसे कम उम्र में म्यूजिक कंपोजिशन में डिप्लोमा पूरा करने के इस कारनामे को वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में "Youngest Diploma Holder in Music Composition" के शीर्षक के साथ दर्ज किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट कार्यक्रम में उपस्थित गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के नेशनल हेड श्री आलोक कुमार जी (Mr. Alok Kumar, National Head GBWR ) द्वारा आद्या गर्नायक के गुरु एवं भारत के पियानो किंग कहे जाने वाले डॉ. अमन बाठला जी (Dr. Aman Bathla) के समक्ष कार्यक्रम के दौरान प्रदान किया गया। रिकॉर्ड की घोषणा के बाद आद्या ने पियानो पर स्वरचित धुन डॉन टू सनराइज़ की प्रस्तुति दी जिसने कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित सभी लोगो को मंत्र मुग्ध कर दिया। आद्या की इस उपलब्धि से उनके पेरेंट्स एवं टीचर्स बेहद हुए।
गुरुग्राम की वाटिका सिटी के क्लब हाउस में आयोजित कार्यक्रम में कॉम्पटीशन के दौरान करीब डेढ़ घंटो तक चले इंटरव्यू राउंड में सभी सवालों के सही जवाब देने के बाद नन्ही आद्या को यह उपलब्धि प्राप्त हुई हैं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में द ग्लोबल ओपन यूनिवर्सिटी नागालैंड के चांसलर, इंडिया एजुकेशन मैनेजमेंट, साउथ वेस्ट दिल्ली डॉ. प्रियरंजन त्रिवेदी एवं दूरदर्शन के निदेशक डॉ. अमरनाथ उपस्थित रहे। वर्ल्ड रिकॉर्ड बनने पर आद्या ने ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि "अभी मुझे पियानो में बहुत कुछ सीखना है। मैं इसी तरह रिकॉर्ड बनाकर अपने पेरेंट्स और गुरु जी का नाम रोशन करना चाहती हूँ।" वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की प्रेरणा उन्हें उनके गुरु डॉ. अमन बाठला जी से प्राप्त हुई हैं। डॉ. अमन बाठला जी के पास दुनिया के सबसे तेज पियानिस्ट होने का रिकार्ड हैं, उन्हें भारत के पियानो किंग, भारत गौरव, हरियाणा रत्न एवं अन्य कई सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका हैं। उन्होंने अपने श्रेष्ठ पियानो वादन के माध्यम से कई विश्व कीर्तिमान स्थापित किये हैं, आज उनके शिष्य भी इसी राह पर चलते हुए नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।
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